टर्म इंश्योरेंस की मांग तेजी से बढ़ी है। इसकी वजह ट्रेडिनशल लाइफ इंश्योरेंस के मुकाबले कम प्रीमियम पर ज्यादा कवर मिलना है। टर्म इंश्योरेंस में अधिकांश लोग 1 करोड़ से लेकर 5 करोड़ रुपये तक का कवर लेते हैं। ऐसे में सवाल उठाता है कि हाई वैल्यू का टर्म इंश्योरेंस लेने से पहले पॉलिसी होल्डर किन बातों की जानकारी होनी चाहिए।
प्रीमियम की राशि आखिरी मूल्य नहीं
टर्म इंश्योरेंस में कंपनी द्वारा कही गई प्रीमियम, पॉलिसी का आखिरी मूल्य नहीं होता है। कंपनी की ओर से कोटेड प्रीमियम पर आपको पॉलिसी मिल जाए, इसका चांस बहुत कम होता है। टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम पॉलिसी लेने वाले की उम्र, हेल्थ और उसके वर्किंग को देखते हुए तय किया जाता है। इसलिए कंपनियां अपने पैरामीटर के अनुसार टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम तय करती हैं। इसलिए कभी भी कोटेड प्रीमियम को आखिरी न मानते हुए इंश्योरेंस एडवाइजर से यह पता करें कि अगर आप यह टर्म इंश्योरेंस लेंगे तो कितना प्रीमियम देना होगा।
कंपनी की डेथ क्लेम रिकॉर्ड
इंश्योरेंस एमेडमेंट एक्ट में कहा गया है कि कंपनी पॉलिसी जारी के तीन साल के बाद पॉलिसी होल्डर के डेथ क्लेम को रीजेक्ट नहीं कर सकती है। अगर, तीन साल से पहले डेथ क्लेम की घटना होती है तो बीमा कंपनी इसकी जांच अपने लेवल पर कर सकती है। टर्म इंश्योरेंस लेने से पहले कंपनी के डेथ क्लेम रिकॉर्ड को ट्रैक करना बेहतर होता है। इससे आपको कंपनी की स्टेलमेंट रिकॉर्ड पता चल जाएगा। अगर, कंपनी का क्लेम रिकॉर्ड सही नहीं है तो कम प्रीमियम होने के बावजूद भी पॉलिसवी नहीं लें।
हाई वैल्यू टर्म इंश्योरेंस कैसे लें
सिर्फ विज्ञापन देखकर यह मान लेना की मुझे भी करोड़ रुपये का टर्म इंश्योरेंस मिल जाएगा सही नहीं है। इसके लिए आप इंश्योरेंस कंपनी के एडवाइजर से बातकर पता लगाएं की कंपनी आपको कितनी रकम का टर्म इंश्योरेंस दे सकती है। टर्म इंश्योरेंस देने में सबसे पहले कंपनियों रिस्क फैक्टर को आंकती है। हो सकता है कि आप जितना कवर लेना चाह रहें हो कंपनी देने से मना कर दें। ऐसे में कई कंपनियों से पता करें जहां सबसे बेस्ट ऑफर मिले वहां से इंश्योरेंस लें।
ऑफर ड्क्यूमेंट को अच्छी तरह समझें
किसी भी कंपनी से टर्म इंश्योरेंस लेने से पहले उस से जुड़े ऑफर ड्क्यूमेंट को अच्छी तरह पढ़ें और समझें। ज्यादातर कंपनियां आत्महत्या या एक साल के अंदर मृत्यु होने पर कवर नहीं देती हैं। इंश्योरेंस लेने से पहले अपने बारे में सही-सही जानकारी कंपनी को उपलब्ध कराएं। अगर, आप किसी बीमारी से ग्रसृत है या सिगरेट-शराब लेते हैं तो इसके बारे में इंश्योरेंस लेने से पहले कंपनी को सूचित करें।