आम लोगों के बीच टर्म इंश्योरेंस की मांग तेजी से बढ़ी है। इसकी वजह कम प्रीमियम में बड़ा कवर मिलना है। ऐसे में अगर आप भी अपने लिए टर्म प्लान खरीदने की योजना बना रहें हैं तो कुछ बातों की बहुत जरूरी है। अगर आप स्मोकिंग यानी सिगरेट पीते हैं तो हो जाइए सावधान! बीमा कंपनी आपसे 50% तक ज्यादा प्रीमियम वसूल सकती है। इंश्योरेंस कंपनियां सामान्य व्यक्ति के मुकाबले धूम्रपान करने वाले व्यक्ति से 40% से 50% ज्यादा प्रीमियम वसूलती हैं। ऐसा इसलिए कि स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति पर रिस्क बढ़ जाता हैै। सिगरेट पीने से लंग कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, टीवी जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। यानी बीमा कंपनी को लगता है कि उसे इस व्यक्ति को कवर देने पर ज्यादा रिस्क कवर करना होगा। इसी खतरे को देखते हुए बीमा कंपनियां ज्यादा प्रीमियम वसूलती है।
स्मोकिंग करने पर ऐसे बढ़ता है प्रीमियम का बोझ
अगर कोई 30 साल का व्यक्ति है और उसकी सालाना आय 10 से 15 लाख रुपये है। अगर वह वह सिगरेट नहीं पीता है और 1 करोड़ रुपये का टर्म इंश्योरेंस लेना चाहता है तो उसे करीब 13,000 रुपये का सालाना प्रीमियम चुकाना होगा। वहीं, अगर वह सिगरेट पीता है तो उसे 54 फीसदी अधिक प्रीमियम, 18,178 रुपये चुकाना होगा। यानी सिगरेट पीने वाले व्यक्ति को हर महीने करीब 600 रुपये अधिक प्रीमियम चुकाना होगा।
क्यों प्रीमियम ज्यादा वसूलती है बीमा कंपनियां
बीमा कंपनियों के नियमों के मुताबिक ग्राहक के जीवन कवर का पॉलिसी प्रीमियम जॉब प्रोफाइल से ज्यादा धूम्रपान की आदत से प्रभावित होता है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को गंभीर बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। इसके चलते बीमा कंपनियां जोखिम को देखते हुए अधिक प्रीमियम वसूलती है। कम जोखिम वाले जॉब प्रोफाइल वाले लोगों (सॉफ्टवेयर इंजीनियर, बैंकर और मार्केटिंग कंसल्टेंट) के लिए जीवन बीमा प्रीमियम उच्च जोखिम वाले जॉब प्रोफाइल वाले पेशेवरों के मुकाबले कम होता है।
जानकारी नहीं देने पर दावा हो सकता है रद्द
कई बार सिगरेट पीने वाल लोग महंगे प्रीमियम से बचने के लिए पॉलिसी जारी करने के समय बीमा कंपनी से अपनी धूम्रपान की आदतों का खुलासा नहीं करते हैं। ऐसा होन पर बीमा दावा करते समय कंपनी को जानकारी मिलती है तो वह आपके दावा को रद्द भी कर सकती है। कई बार कंपनियां मेडिकल टेस्ट भी कराने का विकल्प देती हैं।