Highlights
- आयकर कानून की धारा 80C के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं
- आपको इंक्रीमेंट मिला होगा, लेकिन सरकार ने 80C की लिमिट को नहीं बढ़ाया है
- 80सी का उपयोग कर लेने के बावजूद मोटा टैक्स अदा करना पड़ता है
Tax Saving : महीने के अंत में जब हमारे अकाउंट में सैलरी क्रेडिट होने का मैसेज आता है तो उससे खुशी का पल शायद ही कोई दूसरा होता है, लेकिन साल के अंत में जब हम अपनी कमाई पर मोटा टैक्स अदा करते हैं तो उतना बुरा भी आपको शायद किसी दूसरे मौके पर लगता हो। आप नौकरी पेशा हैं तो आपको हर स्थिति में टैक्स तो देना ही होगा।
टैक्स की इस कड़ी धूप में सरकार ने आयकर कानून की धारा 80 सी जैसी छांव दी है, जिसके तहत आप 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं। लेकिन बीते करीब 10 साल में जहां आपको औसतन 5 से 10 प्रतिशत या उससे अधिक का इंक्रीमेंट मिला होगा, वहीं सरकार ने 80 सी की लिमिट को नहीं बढ़ाया है। ऐसे में बहुत से लोगों के लिए 80सी की यह छांव छोटी हो गई है। 80सी की कटौती पूरी तरह से उपयोग कर लेने के बावजूद उनको मोटा टैक्स अदा करना पड़ता है। आपकी इसी मुश्किल को हल करते हुए हम आपके लिए 5 ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप 1.5 लाख की लिमिट के आगे भी टैक्स की बचत कर सकते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम
आयकर कानून के तहत आप धारा 80डी के तहत स्वयं और अपने आश्रितों का स्वास्थ्य बीमा करवा कर टैक्स की बचत कर सकते हैं। अगर आपकी उम्र 60 साल से कम है और आप हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम चुका रहे हैं तो आप 25 हजार रुपये तक पर टैक्स बचा सकते हैं। इसमें आप आपके जीवन साथी और बच्चों का प्रीमियम शामिल होता है। वहीं यदि आपकी उम्र 60 से अधिक है या फिर आपके आश्रित माता पिता की उम्र 60 को पार कर गई है तो आपको अपने या माता पिता के 50 हजार रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स का फायदा मिलेगा। इस प्रकार दोनों मिलाकर 1 लाख रुपये का टैक्स बच सकता है।
माता पिता को किराया देकर
आपको यह तो पता ही होगा कि नौकरीपेशा लोगों को हाउस रेंट अलाउंस पर टैक्स छूट की सुविधा मिलती है। यानि कि वे जिस मकान में किराये पर रह रहे हैं, उसके रेंट पर टैक्स बचा सकते हैं। लेकिन उन लोगों का क्या जो अपने माता पिता के साथ या किसी संयुक्त परिवार में रह रहे हैं। तो खुश हो जाइए, क्योंकि माता पिता के घर पर रहने पर भी आप टैक्स बचा सकते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80जीजी के तहत अगर आप अपने माता-पिता के घर में रहते हैं तो आप उन्हें भी किराएदार दिखा सकते हैं और टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं।
नेशनल पेंशन स्कीम
सरकार की नेशनल पेंशन स्कीम आपको भविष्य में सुरक्षा देने के साथ ही टैक्स बचाने में भी काम आती है। खास बात है कि इसमें दिया गया योगदान धारा 80सी के तहत नहीं आता है। यहां आप आयकर की धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार रुपये तक पर टैक्स डिडक्शन ले सकते हैं। ये डिडक्शन धारा 80सीसीडी (1) के तहत किए गए 1.5 लाख रुपये तक के निवेश के बाद मिलेगा और एक ही डिडक्शन दोनों सेक्शन के तहत क्लेम नहीं किया जा सकता है।
एजुकेशन लोन पर टैक्स सेविंग
अगर आप नौकरी के साथ हायर एजुकेशन ले रहे हैं या फिर बच्चों के लिए शिक्षा ऋण लिया है तो आपको उसके ब्याज पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है। आयकर कानून के तहत हायर एजुकेशन का मतलब है कि 12वीं के बाद किया गया कोई भी कोर्स। धारा 80ई के तहत लोन पर लगने वाले ब्याज पपर टैक्स छूट मिलती है। ध्यान रहे कि ये लोग किसी मान्यता प्राप्त संस्था या बैंक से लिया गया हो और अपने, बच्चे या पति/पत्नी के लिए लिया गया हो।
किसी खास बीमारी पर किया गया खर्च
अक्सर हमें अपरिहार्य परिस्थितियों में बड़ी बीमारी का खर्च उठाना पड़ता है। लेकिन यह खर्च आपको टैक्स के बोझ से भी बचा सकता है। सेक्शन 80डीडीबी के तहत टैक्स देने वाले व्यक्ति की तरफ से किसी खास बीमारी के इलाज पर किया गया खर्च टैक्स छूट का लाभ प्रदान करता है। यह छूट वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये और बाकी मामलों में अधिकतम 40 हजार रुपये ही हो सकता है। यह खर्च खुद, पति या पत्नी, आश्रित माता-पिता या भाई-बहन के इलाज पर खर्च किया जा सकता है।