म्यूचुअल फंड में निवेश करना वेल्थ क्रिएशन के लिए सबसे माकूल तरीका माना जाता है। इसके पीछे मुख्य कारण कंपाउंडिंग है जो छोटे निवेश को लंबी अवधि में कई गुना बढ़ने का अवसर देता है। ऐसा इसलिए होता है कि पहले कुछ वर्षों में, रिटर्न निवेश में जुड़ जाता है और फंड तेज गति से बढ़ता है। आज हम टाटा ग्रुप के एक ऐसे ही म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में बता कर रहे हैं, जिसने निवेशकों के 1 लाख रुपये को 41 लाख बना दिया है।
टाटा हाइब्रिड इक्विटी फंड
टाटा हाइब्रिड इक्विटी फंड को 8 अक्टूबर 1995 को यानी 28 साल पहले लॉन्च किया गया था। फंड ने अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। उदाहरण के लिए, पिछले एक साल में इस स्कीम ने 25.08 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जिसका मतलब है कि अगर किसी निवेशक ने योजना में ₹1 लाख का निवेश किया है, तो यह बढ़कर ₹1.25 लाख हो गया होगा। इसी तरह 3 साल की अवधि में इस स्कीम ने 15.62 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है। इसका मतलब है कि अगर किसी ने स्कीम में ₹1 लाख का निवेश किया है, तो तीन साल की अवधि में यह बढ़कर ₹1.54 लाख हो गया।
इसी तरह, अगर किसी निवेशक ने पांच साल पहले टाटा हाइब्रिड इक्विटी फंड में ₹1 लाख का निवेश किया होता, तो यह बढ़कर ₹2.04 लाख हो जाता। वही ₹10 लाख का निवेश, 10 साल की अवधि में, 3.5 गुना बढ़ गया होगा। इसी तरह, 20 साल की अवधि में एक लाख रुपये का निवेश 12.3 गुना बढ़ गया होगा।
निवेशकों को बनाया अमीर
अगर किसी ने 1995 में ₹1 लाख रुपये का निवेश किया होता तो आज उसका निवेश 41 गुना से अधिक बढ़कर यानी ₹41.82 लाख हो जाता। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पिछला रिटर्न भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देता है। दूसरे शब्दों में, यदि किसी फंड ने अब तक असाधारण रूप से अच्छा रिटर्न दिया है, तो रिटर्न की वही गति भविष्य में भी जारी रह सकती है, ऐसा कहना सही नहीं होगा।