शेयर बाजार में उथल-पुथल का दौर जारी है। बाजार में किसी दिन बड़ी तेजी तो अगले ही दिन बड़ी गिरावट आ जा रही है। इससे स्टॉक मार्केट निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है। इस गिरावट से म्यूचुअल फंड निवेशक भी अछूते नहीं हैं। म्यूचुअल फंड निवेशकों के पोर्टफोलियो में भी बड़ा करेक्शन हो रहा है। ऐसे में अगर आप भी SIP के जरिये म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो आपको Trigger SIP जरूर जानना चाहिए। अब सिंपल सिप काफी नहीं रह गया है। तो आइए जानते हैं कि क्या है Trigger SIP और इसके फायदे?
क्या है ट्रिगर एसआईपी?
ट्रिगर एसआईपी या सिप शेयर बाजार करेक्शन का फायदा उठाकर निवेशकों को ज्यादा रिटर्न दिलाने में मदद करता है। आसान शब्दों में कहें तो जब किसी खराब न्यूज के चलते शेयर बाजार में 5 प्रतिशत या 10 प्रतिशत की गिरावट आती है तो यह विधि अतिरिक्त राशि निवेश करने की अनुमति देता है। इससे यह फायदा होता है कि बाजार गिरने पर यूनिट्स की कीमत कम होती हैं तो अधिक यूनिट खरीदकर, आप अपनी औसत लागत कम करते हैं, जो लंबे समय में आपके बंपर रिटर्न दिलाने में मददगार बनता है। हालांकि, इस स्ट्रैटेजी के लिए बाजार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता होती है, जो इसे उन निवेशकों के लिए बेहतर बनाता है जो बाजार पर नजर बनाए रखते हैं।
इस तरह निवेशकों को मिलता है फायदा
उदाहरण के लिए, मान लें कि निवेशक ए और निवेशक बी ने 25 साल की उम्र से 10,000 रुपये मासिक निवेश करना शुरू किया। 25 साल बाद दोनों के निवेश को ट्रैक करते हैं। निवेशक ए ने नियमित एसआईपी मॉडल अपनाया जबकि निवेशक बी ने अपने एसआईपी में 10 प्रतिशत स्टेप-अप का विकल्प चुना। इस परिदृश्य में, हम देख सकते हैं कि बी ने 4.27 करोड़ रुपये का कोष बनाया, जो स्मार्ट एसआईपी अपनाने के कारण ए की तुलना में 2.4 करोड़ रुपये अधिक है और उसका शुद्ध लाभ भी ए की तुलना में 90 प्रतिशत अधिक था। वहीं, अगर किसी ने ट्रिगर सिप का भी इस्तेमाल किया होता तो यह रकम और भी बड़ी होती है। इसलिए अब सिप काफी नहीं है। आपको सिप में स्टेप-अप और ट्रिगर सिप का सहारा लेना होगा।