पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन दीपक मोहंती ने कहा है कि लोगों को पेंशन उत्पाद एनपीएस आसानी से सुलभ कराने के लिये इसे सभी बैंक शाखाओं और डाकघरों में उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण ने नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के वितरण के लिये क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों एवं बैंक प्रतिनिधियों को जोड़ा है, जिससे गांवों और छोटे कस्बों में भी लोग आसानी से इस पेंशन योजना का लाभ ले सकेंगे। उल्लेखनीय है कि पीएफआरडीए ने एनपीएस की बिक्री के लिये लगभग सभी बैंकों को जोड़ा है लेकिन बैंकों की सभी शाखाओं में यह उत्पाद उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी लोगों के लिये एनपीएस ‘मॉडल’ के तहत इसे गांवों और छोटे कस्बों में सुलभ कराने को लेकर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को भी जोड़ा है। इस तरह अब आरआरबी से भी एनपीएस लिया जा सकेगा।
बैंकिंग कारस्पोन्डेंट से भी एनपीएस लेने की सुविधा
इसके अलावा बैंक प्रतिनिधि (बैंकिंग कारस्पोन्डेंट) के माध्यम से भी एनपीएस लेने की अनुमति दी गयी है।’’ मोहंती ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में हमारा निजी क्षेत्र से (कॉरपोरेट और व्यक्तिगत स्तर पर) एनपीएस के तहत कुल 13 लाख अंशधारकों को जोड़ने का लक्ष्य है जबकि पिछले वित्त वर्ष में हमने 10 लाख अंशधारक जोड़े थे।’’ आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 16 सितंबर, 2023 तक एनपीएस से जुड़े लोगों की कुल संख्या 1.36 करोड़ (एनपीएस लाइट को छोड़कर) थी। वहीं अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहकों की संख्या पांच करोड़ है। पीएफआरडीए एनपीएस और अटल पेंशन योजना का प्रबंधन करता है। अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में जहां योगदान राशि के आधार पर पेंशन निर्धारित है। वहीं एनपीएस में 60 साल की आयु पूरी होने के बाद कुल कोष के कम-से-कम 40 प्रतिशत से पेंशन उत्पाद खरीदना अनिवार्य है।
अब तक 12.84 प्रतिशत का रिटर्न मिला
एनपीएस में पेंशन राशि तय नहीं होने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय तक पेंशन तय करना व्यावहारिक नहीं है। कुछ विकसित देशों में जहां पेंशन कोष सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 100 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा है, वहां भी इसको लेकर समस्या हो रही है।’’ भारत में ईपीएफओ, जीवन बीमा के पेंशन उत्पाद समेत सभी प्रकार की पेंशन से जुड़ी संपत्तियां जीडीपी का 16.5 प्रतिशत हैं। वहीं एनपीएस और अटल पेंशन योजना में कोष जीडीपी का 3.6 प्रतिशत है। हालांकि, पीएफआरडीए के चेयरमैन ने कहा, ‘‘इतना तय है कि एनपीएस पर जो रिटर्न या प्रतिफल है, वह बहुत अच्छा है और लोग लंबी अवधि में एक अच्छे कोष की उम्मीद कर सकते हैं।’’ पीएफआरडीए के अनुसार, पेंशन योजनाओं के तहत इक्विटी में निवेश पर शुरू से लेकर अब तक 12.84 प्रतिशत का रिटर्न मिला है। एनपीएस से सरकारी कर्मचारियों के मामले में रिटर्न 9.4 प्रतिशत तक है।
कम से कम खर्च वाला उत्पाद बनाए रखने का लक्ष्य
एक अन्य सवाल के जवाब में मोहंती ने कहा, ‘‘एनपीएस बेचने के लिये कमीशन कम है। इससे हो सकता है एजेंट या पीओपी (पॉइंट ऑफ प्रजेंस) यानी बैंक एनपीएस उत्पाद बेचने के लिये ज्यादा आकर्षित न हों। लेकिन हमारा लक्ष्य इसे कम-से-कम खर्च वाला उत्पाद बनाये रखना है ताकि ग्राहकों को लाभ हो।’’ वर्तमान में बैंकों और अन्य पीओपी के लिये निजी क्षेत्र में एनपीएस खाता खोलने पर योगदान राशि का आधा प्रतिशत कमीशन मिलता है। इसमें न्यूनतम 30 रुपये और अधिकतम 25,000 रुपये कमीशन की सीमा तय है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से एनपीएस खाता खोलने पर कमीशन (नागरिकों और टियर दो खातों के लिये) 0.20 प्रतिशत है। इसमें न्यूनतम सीमा 15 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये है। एक अन्य सवाल के जवाब में मोहंती ने कहा कि एनपीएस और एपीवाई के तहत प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां चालू वित्त वर्ष में कम-से-कम 12 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो वर्तमान में 10.22 लाख करोड़ रुपये है। कुल प्रबंधित कोष में एपीवाई की हिस्सेदारी करीब 35,000 करोड़ रुपये है।