Highlights
- एक महीने में कई बैंकों ने होम और कार लोन महंगा किया
- RBI के अनुमान से जीडीपी में कम बढ़ोतरी हुई
- त्योहारी सीजन में मांग बढ़ाने की कोशिश
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लगातार तीन बार रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी के बाद बैंकों ने होम-कार लोन पर ब्याज दर तेजी से बढ़ाया है। इससे लोगों पर ईएमआई (EMI) का बोझ बढ़ा है। एक महीने में SBI, ICICI Bank, Bank of Baroda, Canara Bank और PNB ने होम और कार लोन महंगा किया है। हालांकि, आने वाले दिन में होम-कार लोन पर होने वाली ब्याज दर में तेज बढ़ोतरी से राहत मिल सकती है। दरअसल, जीडीपी के आंकड़े आरबीआई के आनुमान के अनुरूप नहीं आने और महंगाई पर मामूली लगाम के बाद आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी पर सख्त रुख में ढील दे सकता है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 30 सितंबर को होने वाली मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की जगह 25 बेसिस प्वाइंट की ही बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि त्योहारों में सेंटिमेंट बूस्ट करने के लिए आरबीआई ब्याज दर में बढ़ोतरी नहीं भी कर सकता है।
RBI के अनुमान से जीडीपी में कम बढ़ोतरी
पहली तिमाही के दौरान एक साल पहले की तुलना में भारत की जीडीपी में 13.5 फीसदी की वृद्धि हुई, जो आरबीआई के 16.2% के अनुमान से कम है। FY23 के लिए, RBI ने 7.2% की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि अब महंगाई धीरे-धीरे कम होगी। हालांकि, यह आरबीआई के लक्ष्य से अधिक अभी बना रहेगा लेकिन फिर भी यह राहत की खबर होगी। इसको देखते हुए पिछले दो मौद्रिक पॉलिसी में 50 बीपीएस की तुलना में रेपो रेट में कम बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
त्योहारी सीजन में मांग बढ़ाने की कोशिश
जानकारों का कहना है कि त्योहारी सीजन में बैंक अपनी ओर से कई आॅफर ला सकते हैं। इसमें होम-कार लोन पर प्रोसेसिंग फीस में छूट समेत सस्ते ब्याज दर शामिल हो सकते हैं। इससे बाजार में मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही जीडीपी की रफ्तार तेज करने के आरबीआई के लक्ष्य को भी मदद मिलेगी।