भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने इस वृद्धि के बाद उम्मीद जताई है कि बढ़ती महंगाई के बीच मई, यह ब्याज दरों में लगातार छठी वृद्धि थी, हालांकि मात्रा कम रही। केंद्रीय बैंक ने पिछले साल मई से रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की है। सरकार ने यह कदम वैश्विक दबाव के बीच बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण के लिए उठाया था।
उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि आज चुनौतीपूर्ण वैश्विक वातावरण के बीच आरबीआई-मौद्रिक नीति समिति के लिए महंगाई कम करना प्राथमिकता था और केंद्रीय बैंक ने बहुत प्रशंसनीय काम करते हुए मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखा है।” उन्होंने कहा, “सतत वृद्धि के व्यापक उद्देश्य को देखते हुए हमारा मानना है कि मौजूदा चक्र में यह ब्याज दरों में आखिरी वृद्धि है।’’ आरबीआई ने दिसंबर, 2022 में रेपो दर 0.35 प्रतिशत, मई में 0.40 प्रतिशत और जून, अगस्त व सितंबर में 0.50 प्रतिशत बढ़ाई थी।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने आरबीआई की नीतिगत समीक्षा पर कहा, “फिलहाल लगता है कि अभी महंगाई के ऊपर जाने का जोखिम हो सकता है, इसलिए ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं। चालू वर्ष में दरों में कटौती की अधिक संभावना नहीं दिखती है।’’ पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष साकेत डालमिया ने रेपो दर बढ़ाए जाने के फैसले पर कहा कि इससे कारखानों में खपत की संभावना और उपभोग की मांग पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ महीनों से जारी महंगाई के बीच हम आगे नीतिगत दरों में ठहराव की उम्मीद कर रहे हैं।”
एंड्रोमेडा सेल्स और अपनापैसाडॉटकॉम के कार्यकारी चेयरमैन वी स्वामीनाथन ने कहा, “आज रेपो दर में वृद्धि 0.25 प्रतिशत है, जिससे ईएमआई लगभग 2-4 प्रतिशत तक महंगी हो जाएगी। कर्जदारों को अपना ऋण चुकाने के लिए या तो हर किस्त में अतिरिक्त पैसा देना होगा या कर्ज का समय बढ़ाना होगा।” उन्होंने समझाते हुए कहा, “मई, 2022 के बाद से रेपो दर में ढाई प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है। इसके अंतर्गत मई, 2022 में सात प्रतिशत की ब्याज दर से लिए गए 70 लाख रुपये के आवास ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) 54,271 रुपये हो जाएगी।” उन्होंने इसके बाद कहा, “लेकिन अगर हम ढाई प्रतिशत की वृद्धि को जोड़ते हैं तो ब्याज दर 9.50 प्रतिशत हो जाएगी और ईएमआई 65,249 रुपये बैठेगी।”
अबंस इन्वेस्टमेंट मैनेजर के सीईओ भाविक ठक्कर ने भी कहा कि रेपो दर बढ़ने से हर प्रकार का ऋण महंगा हो जाएगा। इस बार आवास ऋण लेने वाले लोगों पर इसका प्रभाव न केवल कर्ज की अवधि के रूप में होगी, बल्कि उनकी मासिक किस्त भी बढ़ेगी। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक तीन-छह अप्रैल, 2023 को होगी।