RBI hikes Rate: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज एक आश्चर्यजनक फैसला लेते हुए प्रमुख नीतिगत दरों में वृद्धि की घोषणा कर दी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्ति कांत दास ने रेपो दर को पहले के 4% से 40 बीपीएस बढ़ाकर 4.40% और सीआरआर में 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोत्तरी किए जाने की घोषणा की। रेपो दर में आखिरी बार मई 2020 में कटौती की गई थी और तब से इसे अपरिवर्तित रखा गया है।
आरबीआई के फैसले से साफ है कि कर्ज की ईएमआई चुका रहे आम लोगों पर महंगाई का एक और बोझ आने वाला है। होम लोन और कार लोन की किस्तों में बढ़ोत्तरी की सूचना जल्द ही आपके मोबाइल पर आ सकती है। लेकिन ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी दूसरी ओर एफडी के निवेशकों के लिए अच्छी खबर भी लाया है। आने वाले वक्त में एफडी निवेशक नई एफडी पर बेहतर रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।
एफडी ग्राहकों को हो सकता है फायदा
आम तौर पर देखा गया है जब रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बदलाव करता है तो बैंक फिक्स डिपॉजिट की दरें बढ़ाने लगते हैं। बीते महीने कई बड़े बैंक एफडी में जमा की ब्याज दरें बढ़ा चुके हैं। रेपो रेट के बढ़ने के बाद एक बार फिर एफडी की दरें बढ़ सकती हैं। यादि आपका फायदा होना तय है।
शॉर्ट टर्म डिपॉजिट की दरें पहले बढ़ सकती हैं
अर्थशास्त के बेसिक की बात करें तो जब भी ब्याज दर चक्र नीचे से यू-टर्न लेता है, तो यह आमतौर पर छोटी से मध्यम अवधि की ब्याज दरों के सबसे पहले बढ़ने की संभावना होती हैं। जहां तक लंबी अवधि की ब्याज दरों का सवाल है, इन दरों में बड़ा बदलाव देखने में समय लगेगा।
लंबी अवधि की जमा करने से बचें
यदि आप अभी FD बुक करने की योजना बना रहे हैं या अपनी मौजूदा FD को नवीनीकृत करना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि आप छोटी अवधि की FD, जैसे एक वर्ष या उससे कम अवधि के लिए जाएं, ताकि आपकी जमा राशि लंबे समय तक कम दर पर लॉक न हो। जब भी शॉर्ट से लेकर मिड-टर्म की दरें बढ़ती हैं, तो आप अपने हिसाब से FD की अवधि बढ़ाना शुरू कर सकते हैं।