भारत सरकार की छोटी बचत योजनाएं बेहद आकर्षक हैं। एक से बढ़कर एक कई सेविंग स्कीम्स हैं जो आपको गांरटीड रिटर्न और सुरक्षित निवेश की सुविधा उपलब्ध कराती हैं। एक ऐसी ही खास स्मॉल सेविंग स्कीम है पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट यानी एनएससी। यह स्कीम निवेशकों को शानदार रिटर्न दिलाती है। इतना ही नहीं, इस स्कीम के तहत खोले गए अकाउंट में जमा राशि आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती के लिए योग्य भी है। यानी आप टैक्स की भी बचत कर सकते हैं। इंडिया पोस्ट की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, रिटर्न की बात करें तो इसे ऐसे समझ लें कि अगर आप 10,000 रुपये निवेश करते हैं तो आपको मेच्योरिटी पर कुल 14,490 रुपये मिलेंगे।
कौन खोल सकता है अकाउंट
ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, कोई भी एक अकेला व्यस्क अकाउंट खोल सकता है। अगर चाहें तो तीन लोगों तक मिलकर ज्वाइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं। इतना ही नहीं अगर कोई नाबालिग 10 साल से ज्यादा उम्र का है तो वह भी चाहे तो अकाउंट ओपन कर सकता है। साथ ही नाबालिग की ओर से या विकृत दिमाग वाले व्यक्ति की ओर से एक अभिभावक भी पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (आठवां अंक) स्कीम में अकाउंट खोल सकते हैं।
निवेश और रिटर्न
पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (आठवां अंक) में कम से कम 1000 रुपये से निवेश की शुरुआत की जा सकती है। आप इसमें 100 के मल्टीपल में जितनी मर्जी उतने पैसे निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश की कोई लिमिट नहीं है। खास बात यह भी है कि इस स्कीम के तहत कितने भी खाते खोले जा सकते हैं। इस स्कीम में निवेश पर मौजूदा समय में 7.7 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज ऑफर किया जा रहा है।
हां, स्कीम के तहत डिपोजिट की गई राशि के लिए पांच साल का लॉक इन पीरियड है। यानी आपको मेच्योरिटी अमाउंट पांच साल बाद मिलेगा। अकाउंट को विशेष परिस्थितियों में बंद कराया जा सकता है। जैसे सिंगल अकाउंट या ज्वाइंट अकाउंट में किसी एक या सभी खाताधारकों की मृत्यु पर, राजपत्रित अधिकारी होने के नाते गिरवीदार द्वारा जब्ती पर और कोर्ट के किसी आदेश पर अकाउंट बंद कराया जा सकता है।
अकाउंट ट्रांसफर की भी है सुविधा लेकिन...
एनएससी स्कीम के तहत एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को अकाउंट ट्रांसफर भी किया जा सकता है लेकिन इसकी कुछ खास परिस्थितियां तय की गई हैं। जैसे, खाताधारक की मृत्यु पर नामित/कानूनी उत्तराधिकारियों को,खाताधारक से लेकर संयुक्त धारक की मृत्यु पर, कोर्ट के आदेश पर या किसी खास अथॉरिटी को अकाउंट गिरवी रखने पर ही अकाउंट को ट्रांसफर किया जा सकता है।