भारत सरकार ने बीते अगस्त में अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों के पेशे को मजबूत करने और बढ़ावा देने के लिए पीएम विश्वकर्मा (PM Vishwakarma) योजना की शुरुआत की है। यह स्कीम ऐसे लोगों को आर्थिक मदद में सक्षम है। इस स्कीम के तहत 5 प्रतिशत की सस्ती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किस्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक लोन सहायता दी जाती है। बाद में स्किल अपग्रेडेशन, टूलकिट इंसेंटिव, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और मार्केटिंग में मदद की जाएगी।
इन लोगों के लिए है वरदान
पीएम विश्वकर्मा स्कीम (PM Vishwakarma Scheme) के पहले फेज में 18 पारंपरिक कारोबारों को शामिल किया गया है। ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, इनमें - बढ़ई (सुथार), नाव बनाने वाला, अस्त्र बनाने वाला, लोहार, हथौड़ा और टूल किट बनाने वाला, ताला बनाने वाला, गोल्डस्मिथ (सुनार), कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला, पत्थर तोड़ने वाला), मोची (चर्मकार)/जूता कारीगर, मेसन (राजमिस्त्री), टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल है।
स्कीम का बेनिफिट कैसे लें
इस स्कीम (PM Vishwakarma) का बेनिफिट लेने के लिए आप नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की मदद ले सकते हैं। इस स्कीम के तहत रजिस्टर करने के लिए सबसे पहले आपको अपना मोबाइल और आधार वेरिफिकेशन कराना होता है। फिर कारीगर रजिस्ट्रेशन फॉर्म (Artisan Registration Form) के लिए अप्लाई करना होता है। अप्लाई करने के बाद पीएम विश्वकर्मा डिजिटल आईडी और सर्टिफिकेट डाउनलोड करना होता है। अब आप अलग-अलग कम्पोनेंट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इस स्कीम के तहत 5 प्रतिशत की सस्ती ब्याज दर के साथ आप लोन ले सकते हैं।
ट्रेनिंग भी ले सकते हैं आप
पीएम विश्वकर्मा स्कीम (PM Vishwakarma Scheme) के तहत डिजिटल आईडी और सर्टिफिकेट पाने के बाद आप 5-7 दिनों (40 घंटे) की स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो 15 दिनों की एडवांस ट्रेनिंग के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। इसमें आपको 500 रुपये हर रोज के हिसाब से स्टाइपंड के रूप में पैसे भी मिलेंगे।
वित्त वर्ष 2027-28 तक के लिए है स्कीम
ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने बीते महीने पांच साल की अवधि (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28) के लिए 13,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ इस नई केंद्रीय योजना (PM Vishwakarma Scheme) को मंजूरी दी थी।