गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने वाली है। कोरोना महामारी के बाद इस बार गर्मियों की छुट्टियों में भारी भीड़ होने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में बहुत संभव है कि आप भी आने वाले गर्मी की छुट्टी में अपने बच्चों और परिवार के साथ कहीं घूमने का प्लान बना रहे होंगे। अगर आप चाहते हैं कि आपका हालीड्रे ट्रिप टेंशन फ्री हो तो ट्रेवल इंश्योरेंस जरूर करा लें। ट्रेवल इंश्योरेंस न केवल यात्रा के दौरान होने वाली किसी इमरजेंसी से आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा प्रदान करेगा। साथ ही आपके सामान, पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड, एटीएम आदि को भी बीमा कवर मुहैया कराएगा। आइए, जानते हैं ट्रैवल इंश्योरेंस करना क्यों जरूरी और इससे क्या-क्या मिलते हैं फायदे।
क्या है ट्रैवल इंश्योरेंस
ट्रैवल इंश्योरेंस एक प्रकार का इंश्योरेंस है, जो कि यात्रा के दौरान (देश के भीतर या बाहर), मेडिकल खर्चों, ट्रिप कैंसिल होने, सामान खोने, फ्लाइट के दुर्घटनाग्रस्त होने या अन्य नुकसान की सूरत में आपको सुरक्षा प्रदान करता है। ऐसे में यात्रा के दौरान आने वाली तमाम परेशानियों से बचने के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस एक बेहतर विकल्प है।
क्या हैं फायदे
ट्रैवल इंश्योरेंस होने पर अगर विमान देरी या रद्द हो जाता है और आपकी यात्रा में देरी होती है तो ट्रैवल इंश्योरेंस मददगार साबित होता है। ट्रैवल इंश्योरेंस में इस देरी के कारण होने वाले खर्च जैसे की खाना-पीना या होटल में रुकने का खर्चा भी कवर होता है। यात्रा के दौरान अगर आपका सामान खो जाता है या चोरी हो जाता है तो भी ट्रैवल इंश्योरेंस कवर प्रदान करता है। यात्रा के दौरान कोई सदस्य अगर बीमार हो जाता है या किसी का एक्सीडेंट हो जाता है तब हास्पिटल का सारा खर्चा ट्रैवल इंश्योरेंस कवर करता है।
ट्रेवल इंश्योरेंस में क्या नहीं होता कवर
ट्रेवल इंश्योरेंस में लंबे समय से चली आ रही स्वास्थ संबंधी समस्या, अल्कोहल के सेवन से होने वाली बीमारी, एड्स, मेंटल डिसऑर्डर से होने वाली घटना, प्रेगनेंसी, सिविल युद्ध से होने वाला नुकसान, स्पोर्टस खेलने के दौरान ऐक्सीडेंट पर आने वाला खर्च आदि की भरपाई नहीं की जाती है।
कितने कवर की जरूरत
इंश्योरेंस कंपनियां ट्रिप की अवधि, ट्रिप में जाने वाले मेंबर की संख्या और गंतव्य के आधार पर फि़क्स्ड रकम की पॉलिसी ऑफर करती है। आमतौर पर, कंपनियां विदेश के लिए 15,000 से 50,00,000 डॉलर तक का कवर ऑफर करती है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट के अनुसार ट्रेवल इंश्योरेंस ट्रिप पर आने वाले कुल खर्च का 4 से 8 फीसदी होना चाहिए।
जरूरतों के अनुसार नहीं होता है बदलाव
कंपनियां ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी में मॉडरेट करने की बहुत जयादा ऑप्शन नहीं देती है। कंपनियां सिर्फ कॉरपोरेट क्लाइंट को ही इंश्योरेंस पॉलिसी को मॉडरेट कराने की सुविधा मुहैया कराती है। जबकि व्यक्तिगत स्तर पर लिए गए इंश्योरेंस के प्लान को आपकी जरूरत के अनुसार डिजाइन करने का विकल्प कम होता है।
पॉलिसी कैंसिल करा सकते हैं या नहीं
पॉलिसी को लेने के बाद ट्रिप पर जाने से पहले इसको कैंसिल कराया जा सकता है। ट्रिप पर जाने के बाद पॉलिसी को कैंसिल नहीं कराया जा सकता है। पॉलिसी कैंसिल कराने पर कंपनी मामूली चार्ज की कटौती करती है।