अगर आप नौकरी करते हैं तो जाहिर है आपका पीएफ अकाउंट है। पीएफ अकाउंट (PF acoount) में एक तय अमाउंट (बेसिक का 12 प्रतिशत) का आधा हिस्सा आप जमा करते हैं और आधा हिस्सा आपका नियोक्ता यानी कंपनी जमा करती है। लेकिन कभी-कभी आप नौकरी भी बदल लेते हैं। ऐसे में क्या आपने सोचा है कि हर महीने पीएफ अकाउंट में जमा राशि को निकाल लेना (PF acoount money withdrawal) सही है या नई कंपनी ज्वाइन करने पर उस राशि को ट्रांसफर (PF acoount money transfer) कर लेना सही है? पीएफ अकाउंट को मैनेज करने वाली सरकारी संस्था ईपीएफओ ने सही सलाह दी है। इसमें कहा है कि पैसा निकालने के बजाए ट्रांसफर कर लेने में समझदारी है। आइए,इस पर यहां चर्चा करते हैं।
पीएफ का सारा पैसा निकालने पर नुकसान
ईपीएफओ का कहना है कि नौकरी बदलने पर पीएफ का सारा पैसा निकाल लेने पर नुकसान भी उठाना होता है। इस राशि पर जो कम्पाउंड इंट्रेस्ट मिलता, उसका फायदा आप लेने से चूक जाते हैं। पैसे निकाल लेने से इसकी संभावनी भी काफी रहती है कि वह खर्च भी हो सकता है। इस तरह, आपके पास की जमा राशि के खत्म होने की भी संभावना बढ़ जाती है।
पीएफ का सारा पैसा ट्रांसफर करने के फायदे
आप ईपीएफओ (EPFO) की फंड ट्रांसफर सुविधा का फायदा उठाकर जमा पूंजी को बढ़ाने के साथ ही अपना आर्थिक भविष्य ज्यादा सुरक्षित कर सकते हैं। ऐसा अक्सर देखने को मिलता है कि आज युवा दो-तीन साल एक कंपनी में नौकर करने के बाद नई कंपनी में चले जाते हैं। लेकिन वह एक बड़ी गलती यह कर देते हैं कि पिछली कंपनी के दौरान पीएफ (PF acoount) में जमा पूरी राशि निकाल लेते हैं। ऐसा करते ही उनकी पीएफ मेंबरशिप भी खत्म हो जाती है। ऐसे में अगर वह नए पीएफ अकाउंट में वह पैसा ट्रांसफर करा लें तो उन्हें दोहरा फायदा मिलता है। पहला, एक तो उन्हें फंड पर कम्पाउंड इंट्रेस्ट मिलता है और दूसरा ईपीएफ की मेंबरशिप लगातार बनी रहती है।
पेंशन पाने के हकदार और टैक्स छूट
लगातार 10 साल नौकरी पूरी होने पर वह ईपीएफओ से पेंशन पाने के हकदार भी हो जाते हैं। पीएफ अकाउंट (PF acoount) में किए गए अंशदान पर कर्मचारी या मेंबर के साथ-साथ नियोक्तो को भी इनकम टैक्स में छूट मिलती है। इस पर मिलने वाला ब्याज और मेच्योरिटी पर मिलने वाला धन इनकम टैक्स फ्री होता है। हां, अगर अंशदान 2.50 लाख रुपये से ज्यादा है तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर इनकम टैक्स लगेगा। साथ ही अगर आप पांच साल से पहले अपना पीएफ अकाउंट बंद करते हैं तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर ईपीएफओ टीडीएस काटता है। कई बार युवावस्था में पेंशन का महत्व समझ नहीं आता है और लेकिन रिटायर होने के बाद ईपीएफओ से मिलने वाली पेंशन राशि ही आपका सहारा बन जाएगी। ऐसे में आगे जब भी जॉब बदलें तो पीएफ अकाउंट में जमा पैसे ट्रांसफर (PF acoount money transfer) करा लें।