Personal Loan - Gold Loan : पैसों की जरूरत हमें किसी भी वक्त पड़ सकती है। जरूरत के समय पैसों के लिए हम बैंक से पर्सनल लोन लेने के बारे में सबसे पहले सोचते हैं। लेकिन बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और लोन हिस्ट्री के आधार पर लोन देते हैं। साथ ही लोन प्रोसेसिंग में समय भी काफी लगता है। ऐसे में एक अच्छा विकल्प गोल्ड लीोन भी है। चूंकि इसमें आप अपना सोना गिरवी रखते हैं तो यह आपको सस्ता पड़ता है और जरूरत के वक्त जल्दी भी मिल जाता है।
पर्सनल या गोल्ड लोन, कौन है बेहतर
तमाम जानकार पर्सनल लोन की तुलना में गोल्ड लोन को बेहतर मानते हैं। अगर आप पर्सनल लोन ले रहे हैं तो आपको कुछ गिरवी नहीं रखना पड़ता है। वहीं, गोल्ड लोन में आप सोना गिरवी रखने के बदले में लोन पा रहे हैं। पर्सनल लोन में आपको बहुत सारे डॉक्यूमेंट देने पड़ते हैं। आपको बैंक या एनबीएफसी के पास इनकम सर्टिफिकेट, डॉमिसाइल का प्रमाण और इसी तरह के अन्य प्रूफ, चाहिए होते हैं। वहीं, गोल्ड लोन में यह सब झंझट नहीं होता है।
प्रोसेसिंग फीस
पर्सनल लोन के मामले में बैंकों को कोई सिक्योरिटी नहीं दी जाती है। लोन लेने वाले की इनकम वेरिफिकेशन पेपर को चेक किया जाता है। नतीजतन, बैंक पर्सनल लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं। ये 0.5 फीसदी से 1 फीसदी तक हो सकती है। वहीं, गोल्ड लोन में, कोई भी दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं होती।इसलिए प्रोसेसिंग फीस नहीं लगती।
क्यों बेहतर है गोल्ड लोन
- पर्सनल लोन की तुलना में गोल्ड लोन सस्ता पड़ता है।
- पर्सनल लोन की तुलना में गोल्ड लोन बेहद कम समय में जारी हो जाता है। जहां पर्सनल लोन को जारी होने में कुछ दिन लगते हैं, गोल्ड लोन में रकम एक ही दिन में कुछ घंटों के अंदर जारी हो जाता है।
- अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है तो भी आपको गोल्ड लोन मिल सकता है। गोल्ड लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है, इसलिये बैंक इसमें आपके क्रेडिट स्कोर पर ज्यादा गौर नहीं करता।
- गोल्ड लोन को कई तरह से चुकाया जा सकता है, आप ईएमआई के रूप में या सिर्फ एक अवधि तक ब्याज चुकाकर कर अवधि के अंत में पूरा मूलधन चुका सकते हैं। इसमें बैंक मासिक आधार पर ब्याज लेते हैं।
- कर्ज 12 से 36 महीने की अवधि तक ऑफर किये जाते हैं
- गोल्ड लोन कुछ हजार रुपये से लेकर 1.5 करोड़ रुपये तक का कर्ज ऑफर कर रहे हैं।
कैसे मिलता है गोल्ड लोन
- गोल्ड लोन लेने वाले आवेदक को अपने गोल्ड के साथ ब्रांच जाना होता है।
- बैंक में ही सोने का वैल्यूएशन कर सोने की मौजूदा कीमत के आधार पर आभूषण की कीमत तय की जाती है, जिसके आधार पर लोन की रकम तय होती है।
- ग्राहक को अपनी पहचान से जुड़े दस्तावेज दाखिल करने पड़ते हैं। फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के बाद ग्राहक के सामने सोने को सील कर जमा कर लिया जाता है। वहीं कर्ज की रकम जारी कर दी जाती है।