Personal Loan आज के समय में काफी महत्वपूर्ण फाइनेंशियल टूल बन गया है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको आसानी से कोई भी वित्तीय संस्थान पर्सनल लोन दे देता है। पर्सनल लोन की खास बात यह है कि आप इसका इस्तेमाल बिजनेस शुरू करने, घूमने या फिर किसी भी पर्सनल कार्य के लिए कर सकते हैं। लेकिन पर्सनल लोन लेने से पहले आपको कुछ सवाल बैंक से जरूर करने चाहिए। इससे काफी किफायती ब्याज दर पर लोन मिलने के साथ कर्ज के जाल में फंसने की संभावना भी कम हो जाएगी।
सिक्योर्ड या अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन?
पर्सनल लोन दो प्रकार के होते हैं। पहला - सिक्योर्ड पर्सनल लोन और दूसरा- अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन। सिक्योर्ड पर्सनल लोन गोल्ड, एफडी और प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर जारी किए जाते हैं। अगर लोन लेन वाला व्यक्ति डिफॉल्ट कर देता है तो बैंक गिरवी रखी संपत्ति को बेचकर अपना लोन वसूल लेता है। अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन में कुछ भी गिरवी नहीं रखना होता है। ये पूरी तरीके से आपके क्रेडिट स्कोर पर दिया जाता है।
फिक्स या फ्लोटिंग ब्याज दर?
पर्सनल लोन पर 9.99 प्रतिशत से लेकर 44 प्रतिशत तक होती है। फिक्स ब्याज दर वह होती है, जो कि लोन लेते समय तय की जाती है और पूरे लोन की अवधि के दौरान ये समान रहती है।
फ्लोटिंग ब्याज दर वह होती है जो कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बदलाव करने पर बदल जाती है। फ्लोटिंग ब्याज दर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर रेपो रेट में कमी आती है तो ब्याज दर कम हो जाती है। वहीं, रेपो रेट बढ़ने पर ब्याज दर बढ़ जाती है।
लोन प्रीपेमेंट और प्रोसेसिंग चार्जेस
पर्सनल लोन देने वाले बैंक या एनबीएफसी के आपको लोन प्रीपेमेंट और प्रोसेसिंग चार्जेस के बारे में जरूर पूछना चाहिए। बैकों और एनबीएफसी की ओर से पर्सनल लोन लेने पर प्रोसेसिंग चार्ज लगाया जाता है। ये कम से कम होना चाहिए। कई बैंक और एनबीएफसी कंपनियां पर्सनल लोन तय अवधि से पहले वापस करने पर प्रीमेंट चार्जेस लगाती है।
लोन की अवधि?
आमतौर पर सभी बैंकों की ओर से पर्सनल लोन 84 महीने तक की अवधि के लिए दिए जाते हैं। आपको कम से कम अवधि के लिए पर्सनल लोन लेना चाहिए। कोशिश होनी चाहिए कि जितनी जल्दी हो पर्सनल लोन का भुगतान कर दें।