प्याज (Onion) ने बीते एक हफ्ते से सबको रुला रखा है। लेकिन केंद्र सरकार ने इस बीच कहा है कि प्याज के निर्यात का न्यूनतम मूल्य तय करने के बाद महाराष्ट्र में प्याज की कीमतें (Onion price in Maharashtra) पिछले सप्ताह के मुकाबले पांच से नौ प्रतिशत तक घट गई हैं। बता दें, प्याज की पैदावार भारत में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में होती है। प्याज की कीमत में (Onion price) भारी उछाल को देखते हुए केंद्र ने शनिवार को घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 31 दिसंबर तक प्याज निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय करने का ऐलान किया था।
सरकार के कदम का असर तत्काल प्रभाव
खबर के मुताबिक, केंद्र ने सोमवार को कहा कि सरकार के कदम का असर तत्काल प्रभाव दिखा है। महाराष्ट्र में सभी बाजारों में प्याज की भारित औसत कीमत (Onion price) में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आई है और खपत केंद्रों में भी इसी तरह की गिरावट देखी गई है। भाषा की खबर के मुताबिक, सरकार की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों का विभाग प्याज की स्थिर घरेलू कीमतें और उपभोक्ताओं के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हर रोज निर्यात और कीमतों की निगरानी कर रहा है।
दिल्ली में प्याज की औसत कीमत 78 रुपये किलो
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को प्याज की कीमतें (Onion price in Delh) ऊंची बनी रहीं। खुदरा बाजार में प्याज की औसत कीमत (onion average price in delhi) 78 रुपये प्रति किलोग्राम थी। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। हालांकि उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक, प्याज की सोमवार को अखिल भारतीय औसत कीमत 50.35 रुपये प्रति किलोग्राम थी जबकि अधिकतम दर 83 रुपये प्रति किलोग्राम और मॉडल कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम थी। न्यूनतम दर 17 रुपये प्रति किलोग्राम रही। स्थानीय विक्रेता प्याज 80 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेच रहे हैं, जबकि ई-कॉमर्स मंच ‘बिगबास्केट’ और ‘ओटिपी’ पर प्याज 75 रुपये प्रति किलो की दर पर उपलब्ध है।
बफर स्टॉक के लिए अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने की घोषणा
केंद्र ने बफर स्टॉक के लिए अतिरिक्त दो लाख टन प्याज (Onion) खरीदने की घोषणा की है। यह पहले से खरीदे गए पांच लाख टन से ज्यादा और अतिरिक्त होगा। बफर स्टॉक से प्याज का अगस्त के दूसरे सप्ताह से देश भर के प्रमुख उपभोग केंद्रों में लगातार निपटान किया गया है। एनसीसीएफ और नेफेड द्वारा संचालित मोबाइल वैन से खुदरा उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलो की दर से आपूर्ति भी की गई है। बीते सप्ताह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि मौसम संबंधी वजहों से खरीफ प्याज की बुवाई में देरी हुई जिससे इसकी खेती का रकबा घट गया और फसल देर से पहुंची। खरीफ प्याज की नई आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।