राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के सब्क्राइब्रर्स चाहें तो हाल ही में हुए बदलाव का फायदा ले सकते हैं। एनपीएस (NPS) से निकासी से जुड़े नियम में पिछले महीने ही बदलाव (NPS withdrawal new rule) किए गए हैं। इसके तहत एनपीएस ग्राहकों के कॉर्पस फंड से समय-समय पर स्वचालित निकासी की परमिशन देगा। एनपीएस सब्सक्राइबर्स को अपने सामान्य निकास के समय अपनी पसंद के मुताबिक 75 साल की आयु तक की अवधि के लिए मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक आधार पर एसएलडब्ल्यू (Systematic Lump Sum Withdrawal) के जरिये अपने पेंशन फंड का 60% तक निकालने की परमिशन है।
समझिए क्या है SLW
एसएलडब्ल्यू (SLW) सुविधा म्यूचुअल फंड के तहत व्यवस्थित निकासी योजना (एसडब्ल्यूपी) की तरह है। लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, एसएलडब्ल्यू सुविधा के साथ, एनपीएस (NPS) सब्सक्राइबर्स रेगुलर तय पीरियड पर व्यवस्थित रूप से राशि निकाल सकते हैं। लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, यहां ध्यान रहे कि 60 और 75 साल तक पहुंचने पर, ग्राहकों को एन्युइटी खरीदने के लिए अपने फंड का कम से कम 40% अलॉट करना होगा।
एसएलडब्ल्यू (SLW) रिटायर लोगों को समय-समय पर कैश फ्लो हासिल करने, उनकी रिटायरमेंट के बाद की इनकम बढ़ाने और रेगुलर होने वाले खर्च को कवर करने की परमिशन देता है। इस निकासी प्रक्रिया (NPS withdrawal new rule) को एक बार चुना जा सकता है और पेमेंट सब्सक्राइबर की पसंद के मुताबिक किया जाएगा।
इस बदलाव से किसको होगा फायदा
लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, एसएलडब्ल्यू उन रिटायर लोगों के लिए एक आकर्षक ऑप्शन है जो अपनी रिटारमेंट के बाद के वर्षों के दौरान लगातार सोर्स ऑफ इनकम की चाहत रखते हैं। इसका अनुरोध तब किया जा सकता है जब कोई सब्सक्राइबर रिटायर होता है और एन्युइटी खरीदने के बाद एकमुश्त एनपीएस (National Pension System) कॉर्पस पर अप्लाई करता है। एनपीएस (NPS) भारत सरकार की तरफ से चलाया जाने वाला पेंशन कार्यक्रम है, जिसे पीएफआरडीए द्वारा विनियमित किया जाता है। एक एनपीएस ग्राहक अपना रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए अपनी जोखिम क्षमता के मुताबिक पूंजी बाजार (इक्विटी, सरकारी प्रतिभूतियां, कॉर्पोरेट बॉन्ड और वैकल्पिक संपत्ति) में निवेश करता है।