अगर आप अपने बच्चों में अभी से बचत की आदत डेवलप करते हैं तो आगे चलकर यह न सिर्फ बच्चों के लिए बल्कि आपके लिए भी एक तरह से मददगार होंगे। बच्चों में बचत की सोच को विकसित करने को ध्यान में रखते हुए ही भारत सरकार ने एक खास स्कीम पेश की है। इस स्कीम के काफी शानदार फायदे होंगे। इस स्कीम के तहत निवेश की शुरुआत करना काफी आसान है। इसमें निवेश के कई शानदार फायदे मिलते हैं। आइए, यहां इन्हीं बातों को जान लेते हैं।
क्या है एनपीएस वात्सल्य स्कीम?
एनपीएस वात्सल्य स्कीम नाबालिगों के लिए बनाई गई एक पेंशन योजना है। इसे जुलाई 2024 में ही शुरू किया गया है। यह माता-पिता या अभिभावकों को एक स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) खोलने की परमिशन देता है ताकि उनका बच्चा समय के साथ रिटायरमेंट फंड बना सके। इस स्कीम के तहत खोले गए अकाउंट में किए गए योगदान को अलग-अलग एसेट क्लास जैसे सरकारी सिक्योरिटीज और इक्विटी आदि में निवेश किया जाता है। इससे लंबी अवधि में चक्रवृद्धि के जरिये फंड को बढ़ाने में मदद मिलती है। इस स्कीम के तहत, नाबालिगों में अनुशासित बचत की आदतों को विकसित करके वित्तीय सुरक्षा क्रिएट करना मुख्य मकसद है।
क्या मिलते हैं फायदे
लंबी अवधि में फाइनेंशियल सिक्योरिटी
एनपीएस वात्सल्य स्कीम माता-पिता को अपने बच्चों के लिए एक मजबूत रिटायरमेंट फंड बनाने में सक्षम बनाता है। इससे यह सुनिश्चित करता है कि वयस्क होने पर उनके पास एक ठोस वित्तीय सुरक्षा हो। protean के मुताबिक, जल्दी शुरू करके, माता-पिता सालों में धीरे-धीरे फंड जमा कर सकते हैं, ताकि दीर्घकालिक निवेश के जरिये फंड में ग्रोथ हो सकती है। यह बच्चे को भविष्य में उच्च शिक्षा, अप्रत्याशित परिस्थितियों या रिटायरमेंट के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।
किफायती योगदान
एनपीएस वात्सल्य योजना बहुत ही सुलभ है। यह योजना हर साल ₹1,000 के न्यूनतम योगदान की अनुमति देती है, जो इसे सभी वित्तीय पृष्ठभूमि वाले परिवारों के लिए व्यवहार्य बनाती है। इश स्कीमें योगदान की कोई ऊपरी लिमिट भी नहीं है। आप चाहें जितनी मर्जी, इसमें पैसे लगा सकते हैं। यह उन माता-पिता के लिए लचीलापन प्रदान करती है जो अपने बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ज्यादा योगदान करना चाहते हैं।
वित्तीय जिम्मेदारी डेवलप करने में है भूमिका
एनपीएस वात्सल्य के जरिये बच्चों को कम उम्र से ही बचत की प्रक्रिया में शामिल करके, माता-पिता वित्तीय नियोजन, अनुशासन और दीर्घकालिक निवेश के बारे में मूल्यवान सबक दे सकते हैं।
किसी इमरजेंसी के समय सुरक्षा देता है
एनपीएस वात्सल्य बच्चों के लिए वित्तीय सुरक्षा जाल के रूप में कार्य करता हैष। यह चुनौतीपूर्ण समय में भी वित्तीय स्थिरता प्रदान करता है। चाहे माता-पिता की असामयिक मृत्यु हो या अचानक वित्तीय कठिनाई, एनपीएस वात्सल्य योजना में किए गए योगदान से यह सुनिश्चित होता है कि बच्चे का भविष्य सुरक्षित है।
योगदान में लचीलापन
स्कीम में चाहे आप एक निश्चित सालाना राशि देना चाहते हों या समय के साथ अपने योगदान को बढ़ाना चाहते हों, योजना आपको अपने परिवार की बदलती वित्तीय जरूरतों के मुताबिक, अपनी बचत को एडजस्ट करने की परमिशन देती है। यह लचीलापन सुनिश्चित करता है कि माता-पिता बिना किसी बोझ के अपने वित्तीय लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रह सकें।
लंबे समय के लिए निवेश को प्रोत्साहित करना
कई सालों तक एनपीएस वात्सल्य स्कीम में लगातार योगदान कर, माता-पिता अपने बच्चे के भविष्य के लिए पर्याप्त धन जुटा सकते हैं। लंबे समय तक निवेश की यह आदत वित्तीय सफलता के प्रमुख स्तंभों में से एक है, जो निवेश को बाजार के उतार-चढ़ाव का सामना करने की परमिशन देता है।
चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति
एनपीएस वात्सल्य योजना में चक्रवृद्धि की पावर का फायदा मिलता है। इससे सालों में फंड में तेजी से ग्रोथ होती है। माता-पिता जितनी जल्दी बचत करना शुरू करते हैं, उतना ही उन्हें चक्रवृद्धि ब्याज से लाभ मिलता है। नियमित रूप से किया गया एक छोटा सा योगदान बच्चे के वयस्क होने तक एक महत्वपूर्ण राशि में बदल सकता है।
ऐसे करें अप्लाई
माता-पिता और अभिभावक एनपीएस वात्सल्य के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आधार और पैन की जरूरत होती है। पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) इस योजना की देखरेख करने वाली नियामक संस्था है, जो निवेश की पारदर्शिता और सुरक्षित प्रबंधन सुनिश्चित करती है।
- सबसे पहले सुनिश्चित करें कि आपके पास अभिभावक और बच्चे दोनों के लिए आधार और पैन कार्ड जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट हैं।
- तय करें कि आधिकारिक eNPS पोर्टल के जरिये ऑनलाइन आवेदन करना है या अधिकृत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के जरिये ऑफलाइन करना है।
- आवेदन फॉर्म में सभी जरूरी डिटेल सही-सही भरें
- गाइडलाइंस के मुताबिक, सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स अटैच करें।
- अनुमोदन के लिए एप्लीकेशन को पेंशन नियामक PFRDA द्वारा वेरिफिकेशन से गुजरना होता है।