देश के स्मॉल फाइनेंस बैंकों के लिए अच्छी खबर है। आरबीआई ने स्मॉल फाइनेंस बैंकों को UPI के जरिये पहले से अप्रूव्ड लोन देने की अनुमति देने का शुक्रवार को प्रस्ताव किया। यूपीआई मोबाइल फोन के जरिये लेनदेन के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित एक फास्ट रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है। यूपीआई के दायरे का सितंबर 2023 में विस्तार किया गया था। इसके तहत प्री-अप्रूव्ड लोन को यूपीआई के माध्यम से जोड़ा गया था। पेमेंट बैंक्स, स्मॉल फाइनेंस बैंक्स तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ‘फंडिंग’ खाते के रूप में उपयोग किये जाने की सुविधा दी गयी।
कम दाम और कम समय में मिलेंगे वित्तीय उत्पाद
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि यूपीआई पर प्री अप्रूव्ड लोन के तहत ग्राहकों को कम दाम तथा कम समय में लोन उपलब्ध कराने के अवसर हैं। उन्होंने कहा कि स्मॉल फाइनेंस बैंक अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचने के लिए उच्च प्रौद्योगिकी, कम लागत वाले मॉडल का सहारा लेते हैं और यूपीआई पर ऋण की पहुंच का विस्तार करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘इसलिए, स्मॉल फाइनेंस बैंकों को यूपीआई के जरिये प्री अप्रूव्ड लोन देने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। आवश्यक दिशा-निर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।’’
पॉडकास्ट शुरू करेगा आरबीआई
गवर्नर ने साथ ही कहा कि रिजर्व बैंक अपने निर्णयों की पारदर्शिता तथा इन्हें अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपने निर्णयों के पीछे के तर्क को समझाने तथा व्यापक लोगों तक विभिन्न जागरूकता संदेशों का प्रसार करने के लिए पारंपरिक के साथ-साथ नए युग की संचार प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहा है। केंद्रीय बैंक पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया सहित अपनी विभिन्न जन जागरूकता गतिविधियों का दायरा बढ़ा रहा है। दास ने कहा कि इस प्रयास को जारी रखते हुए, रिजर्व बैंक आम जनता के लिए रुचिकर सूचनाओं के व्यापक प्रसार के लिए ‘पॉडकास्ट’ शुरू करने का प्रस्ताव करता है।
(पीटीआई/भाषा के इनपुट के साथ)