शादी के बाद न सिर्फ लोगों की जिंदगी बदलती है, बल्कि कई जिम्मेदारियां बढ़ने के चलते पैसों की जरूरत भी बढ़ जाती है। ऐसे में फाइनेंशियल प्लानिंग बहुत जरूरी होती है। हालांकि एक न्यूली मैरिड कपल के तौर पर मनी मैनेजमेंट करना, सिंगल रहते हुए पैसे बचाने से बहुत अलग होता है। इसलिए आपको मनी मैनेजमेंट के अपने तरीकों में बदलाव लाना चाहिए और अपने पार्टनर को इस इसमें शामिल करना चाहिए, जिससे आप दोनों मिलकर अपनी जरूरतों के लिए पर्याप्त फंड भी बना सकें और आपकी रोजमर्रा की जिंदगी भी प्रभावित न हो। हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिनको फॉलो कर आप आसानी से मनी मैनेजमेंट कर सकते हैं। इससे आपको कभी भी पैसे की किल्लत भी नहीं होगी।
फाइनेंस के बारे में बात करें
फाइनेंशियल प्लानकर का कहना है कि शादी के बाद अपने पार्टनर से अपने फाइनेंसज के बारे में बात करें। वर्तमान समय में यह बहुत जरूरी है कि आप दोनों के फाइनेंशियल गोल्स अगर एक जैसे नहीं हैं, तो बहुत अलग भी न हों। साथ ही एक-दूसरे को यह भी बताएं कि आपके ऊपर कोई उधार तो नहीं है और अगर है तो कितना है। यह भी चर्चा करें कि आप अपने पैसों को कैसे मैनेज करना चाहेंगे। आप पैसों को अलग-अलग खर्च करेंगे या ज्वाइंट अकाउंट में रखेंगे।
अपने फाइनेंशियल गोल्स लिखें
अपना फाइनेंशियल स्टेटस जानने के बाद आप दोनों को अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को अच्छी तरह से डिस्कस करना चाहिए। इसमें अभी से लेकर बच्चों की पढ़ाई, शादी, आपका रिटायरमेंट, कोई यात्रा, कोई इन्वेस्टमेंट से लेकर आपकी सभी महत्वाकांक्षाएं शामिल होनी चाहिए। इससे आप बहुत आसानी से अपनी इनकम को सभी गोल्स के मुताबिक अलग-अलग फंड्स में इन्वेस्ट कर सकेंगे। साथ ही आप दोनों को पता होगा कि भविष्य के लिए आपके क्या प्लान हैं और दोनों उन्हें पूरा करने के लिए सही तरीके से मनी मैनेज कर सकेंगे।
इमरजेंसी फंड बनाएं
शादी के बाद सबसे पहले इमरजेंसी फंड बनाएं। यह फंड आपकी रोजमर्रा की जरूरतों और आपके फाइनेंशियल गोल्स से हटकर अलग फंड होता है, जिसे बीमारी, नौकरी छूटने या प्राकृतिक आपदा जैसी अचानक से होने वाली किसी घटना के लिए तैयार किया जाता है। कोशिश करें कि आपके इमरजेंसी फंड में कम से कम इतना पैसा हो जिससे आपके घर का छह महीने का खर्च निकल जाए। इमरजेंसी फंड बनाने से आप हमेशा फायनेंशियली सिक्योर रहेंगे और अपने किसी अप्रत्याशित घटना की स्थिति में अपने परिवार को सुरक्षित रख पाएंगे।
साथ में बनाएं बजट
भले ही पैसा खर्च करने के मामले में आप दोनों की न जमती हो या आप दोनों की प्राथमिकताएं अलग हों, तब भी साथ में ही बैठकर अपना बजट बनाएं। घर खर्च चलाने में दोनों की भागदारी और दोनों की राय जरूरी है। अपने पार्टनर पर अपनी राय न थोपें, बल्कि आपसी सहमति से तय करें कि किस चीज पर कितना खर्च करना है। रिश्तों की शुरुआत में अक्सर लोग खर्च करने से पहले नहीं सोचते हैं। अपने पार्टनर को खुश करने के लिए अपनी लिमिट से बढ़कर खरीदारी कर लेते हैं या महंगे से महंगे रेस्त्रां में खाना खाते हैं। यह सब करना गलत नहीं है, लेकिन कई बार ये खर्च फिजूल होते हैं। ऐसे में अच्छा होगा कि आप तय कर लें कि आपका बजट कितना है और उसे कैसे खर्च करना है।
रिटायरमेंट के लिए बचत करें
आप चाहें कितना भी ज्यादा या कम क्यों न कमाते हों, रिटायरमेंट के लिए बचत करना आपकी लिस्ट में शामिल होना चाहिए। रिटायरमेंट के बाद अक्सर लोग पैसों के लिए अपने परिवार पर निर्भर हो जाते हैं, जो कि बुरी बात नहीं है, लेकिन अगर आप अपने लिए बचत करेंगे तो बेहतर रहेगा। भले ही छोटी रकम से शुरू करें लेकिन, रिटायरमेंट फंड में निवेश जरूर करें।