देशभर में रविवार से नवरात्रि (Navratri 2023) की धूम है। बेशक आप भी फेस्टिवल मूड में हैं। लेकिन इस नवरात्रि फेस्टिवल में आपको फाइनेंशियल लेवल पर कुछ जरूरी बातों पर भी जरूर गौर करना चाहिए। इससे आप वित्तीय तौर पर दबाव महसूस नहीं करेंगे और सुकून में रहेंगे। आप नवरात्रि (Navratri) में चाहें तो 9 ऐसे फाइनेंशियल लेसन (9 financial lessons) भी सीख सकते हैं जो जीवन में आपके ही काम आ सकते हैं। आर्थिक तौर पर ये बातें आपके जीवन को आसान बना देंगे। आइए हम यहां ऐसी ही नौ जरूरी बातों पर चर्चा करते हैं।
जितना कमाते हैं उससे कम खर्च करिये
अगर आप फाइनेंशियली फ्री महसूस करना चाहते हैं तो इसके लिए आप अपनी इनकम (Income)से कम खर्च करें। यानी आपकी जितनी इनकम है, उस मुताबिक, बजट बनाएं, अपने खर्चों पर नज़र रखें और गैर-जरूरी खर्चों (unnecessary expenditures) पर बचत और निवेश को प्राथमिकता दें। यह बेहद जरूरी है। यह दृष्टिकोण एक ऐसी जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है जो बहुत ज्यादा खर्च के बजाय लंबे समय के लक्ष्यों को पाने में वित्तीय सुरक्षा पर जोर देती है।
पहले बचाएं फिर खर्च करें
खर्च के लिए पैसे अलॉट करने से पहले किसी की बचत और निवेश को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पैसा आते ही तुरंत बचत या निवेश के लिए इनकम का एक हिस्सा अलग रखना और इसे रिटायरमेंट, इमरजेंसी या दूसरे वित्तीय लक्ष्यों की प्लानिंग में एक जरूरी सहायता के तौर पर शामिल करना चाहिए। यह बचत को प्रायोरिटी में रखकर वित्तीय अनुशासन और धन को जमा करने के लिए बढ़ावा देता है।
इनकम के ए़डिशनल सोर्स पर भी फोकस करें
सिर्फ एक ही इनकम पर निर्भर रहने के बजाय कई स्रोतों से इनकम जेनरेट करने पर फोकस करें। इसका मकसद जोखिम को कम करना, वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने और संभावित रूप से टोटल इनकम में बढ़ोतरी करना है। व्यक्ति अंशकालिक नौकरियां, फ्रीलांस काम, किराये की आय, या लाभांश जैसी इनकम सोर्स का पता लगा सकते हैं। इससे आर्थिक उतार-चढ़ाव या नौकरी की असुरक्षा की संभावना कम हो जाएगी।
जल्दी और समझदारी से निवेश करें
निवेश की शुरुआत जितनी जल्दी, वह उतना ही आपके लिए अच्छा होता है। समझदारी से निवेश करके और शुरुआती चरण में अपनी निवेश यात्रा शुरू करके, व्यक्ति चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा उठा सकता है। इससे लंबे समय तक के वित्तीय लक्ष्यों को ज्यादा प्रभावी ढंग से हासिल करने की क्षमता डेवलप होती है। चक्रवृद्धि ब्याज एक शक्तिशाली कॉन्सेप्ट है जो किसी व्यक्ति के लंबे समय के वित्तीय लक्ष्यों पर जरूरी प्रभाव डाल सकती है। यह शुरुआती निवेश पर रिटर्न अर्जित करने और फिर बाद की अवधि में अतिरिक्त कमाई जेनरेट करने के लिए उस कमाई को फिर से निवेश करने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।
लोन मैनेज करना सीखें
अपने जीवन में लोन को मैनेज करना सीखना जरूरी है। ज्यादा ब्याज का लोन आपकी वित्तीय आजादी में एक महत्वपूर्ण बाधा हो सकते हैं। ज्यादा ब्याज वाले लोन जैसे क्रेडिट कार्ड बैलेंस को जल्द चुकाने को प्राथमिकता देनी चाहिए और जब तक जरूरी न हो, नया लोन लेने से बचना चाहिए। जिम्मेदार लोन मैनेजमेंट, जिसमें समय पर भुगतान करना और बकाया शेष को कम करना शामिल है, आपके क्रेडिट स्कोर पर पॉजिटिव असर डालते हैं।
फाइनेंशियल टारगेट रखें क्लियर
वित्तीय स्वतंत्रता (Financial freedom) के लिए एक स्पष्ट रोडमैप की जरूरत होती है। वित्तीय लक्ष्य व्यक्ति को फैसला लेने के लिए दिशा और मकसद की भावना प्रदान करते हैं। लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, वित्तीय लक्ष्य ऐसा रखें कि वह हासिल करने योग्य हो। साथ ही अर्थपूर्ण और स्मार्ट वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें जो लोगों को ट्रैक पर रखता है और आवश्यक वित्तीय समायोजन करते हैं।
हमेशा खुद को अपडेट रखें और खुद को शिक्षित करें
तेजी से बदलती दुनिया में, अपडेटेड रहना आपको नई स्थितियों, टेक्नोलॉजी और अवसरों के अनुकूल होने की अनुमति देता है। यह आपको प्रासंगिक और कॉम्पिटिटिव बने रहने में मदद करता है। वित्तीय सफलता अक्सर वित्तीय जानकारी पर निर्भर करती है। पर्सनल फाइनेंस, निवेश, बजट और दूसरे वित्तीय मामलों के बारे में खुद को शिक्षित करने से बेहतर धन प्रबंधन और पैसे बनाने की स्मार्ट स्ट्रैटेजी बनाने में मदद मिल सकती है।
धैर्य रखें और दृढ़ रहें
वित्तीय आजादी हासिल करने में समय और अनुशासन जरूरी है। धैर्य आपको देरी और असफलताओं को शालीनता से सहन करने की अनुमति देता है, जबकि दृढ़ता आपको आगे बढ़ने, बाधाओं के मुताबिक होने और आखिरकार अपने मनचाहे परिणाम तक पहुंचने की शक्ति देती है। साथ में, ये गुण विपरीत परिस्थितियों का सामना करने में लंबे समय में सफलता और लचीलेपन की कुंजी हैं।
नियमित रूप से समीक्षा और एडजस्टमेंट करना सीखें
वित्तीय स्वतंत्रता (Financial freedom) कोई स्थिर मकसद नहीं है। जैसे-जैसे परिस्थितियां तेजी से विकसित होती हैं, योजनाओं में बदलाव या सुधार करने की आवश्यकता होती है, इसलिए नियमित रूप से बजट, निवेश और लक्ष्यों की समीक्षा करने से यह सुनिश्चित होगा कि यह प्रासंगिक है और किसी की आकांक्षाओं के मुताबिक है।