साल के 10वें महीने की पहली तारीख यानी 1 अक्टूबर आपके फाइनेंशियल जीवन में कई मोर्चों पर बदलाव लेकर आया है। आधार, पीपीएफ, एलपीजी, एसटीटी नियम सहित कई तरह के बदलाव के साथ 1 अक्टूबर ने शुरुआत की है। इसके अलावा आयकर, म्यूचुअल फंड और टीडीएस रेट्स में महत्वपूर्ण बदलाव लागू होने जा रहे हैं।
पैन आवंटन से संबंधित आधार कार्ड नियम
केंद्र सरकार 1 अक्टूबर से आधार संख्या के बजाय आधार नामांकन आईडी (एनरॉलमेंट आईडी) का उल्लेख करने की परमिशन देने के प्रावधान को बंद कर रही है। यानी आज से व्यक्तियों को पैन अलॉटमेंट डॉक्यूमेंट्स में और इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय अपने आधार नामांकन आईडी का खुलासा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
छोटी बचत योजनाओं से जुड़े नियम
लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, अनियमित सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) अकाउंट, सुकन्या समृद्धि योजना और डाकघरों के जरिये चल रही दूसरी छोटी बचत योजनाओं के नियमितीकरण के लिए नए नियम 1 अक्टूबर, 2024 से लागू हो रहे हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नए नियम नाबालिगों के नाम पर खोले गए खातों, कई पीपीएफ अकाउंट्स और एनआरआई द्वारा पीपीएफ अकाउंट के एक्सटेंशन के नियमितीकरण से जुड़े हैं।
TDS रेट्स में बदलाव
स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस के संबंध में एक जरूरी अपडेट 1 अक्टूबर से लागू हो रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024 में आयकर से संबंधित कुछ बदलाव पेश किए थे। नए नियमों के मुताबिक, इसमें केंद्र और राज्य सरकार के कुछ खास बॉन्ड पर 10% का टीडीएस लागू होगा। साथ ही जीवन बीमा पॉलिसी, घर के किराए के भुगतान आदि के संबंध में टीडीएस भुगतान में आज से बदलाव लागू हो रहे हैं।
एसटीटी में बढ़ोतरी
सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी), जो वायदा और विकल्प (एफएंडओ) पर लागू होता है, 1 अक्टूबर से बढ़ गए हैं। विकल्पों की बिक्री पर एसटीटी प्रीमियम के 0.0625% से अब बढ़कर 0.1% हो जाएगा। खबर के मुताबिक वायदा की बिक्री पर एसटीटी व्यापार मूल्य के 0.0125% से बढ़कर 0.02% हो जाएगा।
शेयर बाय बैक में बदलाव
1 अक्टूबर से शेयर बायबैक से होने वाली इनकम पर टैक्स लगाना है, जिसे अब शेयरधारकों के लिए लाभांश आय के रूप में माना जाएगा। यानी जब कंपनियां अपने शेयर पुनर्खरीद करेंगी तो शेयरधारकों पर उनके लागू आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा।
शेयर बाजार में रिवाइज ट्रांजैक्शन चार्ज
1 अक्टूबर से, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने नकद, वायदा और विकल्प ट्रेडिंग के लिए नए लेनदेन शुल्क लागू कर दिये हैं।