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सरकार प्राइवेट जॉब करने वालों को भी दे रही है पेंशन बढ़ाने का मौका, जानिए क्या है ये स्कीम और कैसे उठाएं फायदा

संगठित क्षेत्र में सभी नौकरीपेशा लोगों को कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) में अंशदान करना होता है। कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) इसी का एक हिस्सा है।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: February 21, 2023 16:03 IST
EPFO- India TV Paisa
Photo:FILE कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS)

बुढ़ापे के दिनों में जब हम शारीरिक रूप से काम करने के काबिल नहीं होते, तो ऐसे समय में पेंशन हमें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन की व्यवस्था पहले से थी, वहीं निजी कंपनियों में काम करने वाले लोगों के लिए EPFO की इंप्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) एक अच्छा सहारा होता है। यदि आप भी ईपीएफओ में अंशदान करते हैं तो आपके लिए अपनी इसी पेंशन को बढ़ाने का मौका है। ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन स्कीम के जरिए अब आपको ज्यादा पेंशन का लाभ मिल सकता है। लेकिन इसके लिए आपको 3 मार्च तक अपना आवेदन ईपीएस के पास भेजना होगा। 

यह लाभकारी स्कीम है, लेकिन इसके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। यदि आपके मन में भी यही सवाल है कि यह स्कीम क्या है और इसका लाभ नौकरीपेशा लोगों को कैसे मिलेगा? इस स्कीम का लाभ कौन उठा सकता है? इसमें कितना फायदा होगा? तो इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए इस योजना से जुड़ी पूरी डिटेल लेकर आई है। आप भी इस योजना के बारे में समझकर इसका पूरा लाभ उठा सकते हैं। 

क्या है कर्मचारी पेंशन स्कीम 

संगठित क्षेत्र में सभी नौकरीपेशा लोगों को कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) में अंशदान करना होता है। कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) इसी का एक हिस्सा है। कर्मचारी पेंशन स्कीम को सबसे पहले 1995 में पेश किया गया था। पहले अधिकतम पेंशन योग्य सैलरी 6500 रुपये तय की गई थी, जिसे साल 2014 में बढ़ाकर 15000 रुपये कर दिया गया। कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 % का ईपीएफओ में योगदान करते हैं। इतनी की राशि का योगदान कंपनी या नियोक्ता की ओर से किया जाता है। नियोक्‍ता जो राशि इस फंड में देता है, उसका 8.33 फीसदी ईपीएस में जाता है और 3.67 फीसदी हर महीने ईपीएफ में जाता है। इस रकम पर ब्याज सहित रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को लौटा दिया जाता है। 

कैसे मिलेगी ज्यादा पेंशन 

उच्चतम न्यायालय ने नवंबर, 2022 में कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखा था। इससे पहले 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था। साथ ही सदस्यों और उनके नियोक्ताओं को ईपीएस में उनके वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत योगदान करने की अनुमति दी थी।

कैसे मिलेगा फायदा 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखें तो इस स्कीम के लिए योग्य कर्मचारियों की दो कैटेगरी बनाई गई। पहली कैटेगरी उन कर्मचारियों की है, जो 1 सितंबर 2014 से पहले ईपीएस के मेंबर थे और उन्होंने हायर पेंशन का विकल्प को चुना। ये लोग पहले से ईपीएस में अधिक योगदान दे रहे थे, लेकिन ईपीएफओ ने उनके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया। दूसरी कैटेगरी में वो कर्मचारी शामिल किए गए, जो सितंबर 2014 को ईपीएस के सदस्य थे, लेकिन फॉर्म जमा करके वो हायर पेंशन का ऑप्शन नहीं चुन सके। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऐसे सदस्यों को 3 मार्च तक का समय दिया गया है। 

कैसे करें अप्लाय

  1. हायर पेंशन के लिए ईपीएस मेंबर को करीबी ईपीएफओ दफ्तर से जारी फॉर्म को भरना होगा और जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे। 
  2. कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों को डिक्लेरेशन देना होगा।
  3. अगर पीएम से पेंशन फंड में रकम के एडजस्टमेंट की जरूरत है तो जॉइंट फार्म में कर्मचारी को सहमति देनी होगा। 
  4. छूट वाले पीएफ ट्रस्ट से मेंशन फंड में फंड ट्रांसफर करने के मामलों में ट्रस्टी को अंडरटेकिंग जमा करनी होगी। 
  5. फंड जमा करने की विधि और पेंशन की गणना के विषय में अलग से परि जारी कर सूचित किया जाएगा। 

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