Highlights
- क्रेडिट लिमिट वह लिमिट है जिसके बराबर यूजर अधिकतम खर्च कर सकता है
- क्रेडिट कार्ड पर लाभ और विशेषताओं के आधर पर ही क्रेडिट लिमिट तय होती है
- क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट का कितना इस्तेमाल किया जाए, यह जानना जरूरी है
नई दिल्ली। देश में आजकल क्रेडिट कार्ड का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। आज बाजार में कई ऐसे भी कार्ड मौजूद हैं जो आपको 3 महीने तक ब्याज मुक्त क्रेडिट प्रदान करते हैं। ऐसे में आप दिल खोलकर खरीदारी कर सकते हैं। लेकिन यहां आपको हमेशा अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का ध्यान रखना जरूरी होता है। क्रेडिट लिमिट वह लिमिट होती है जिसके बारे में कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारी के तौर पर सबसे पहले देता है।
क्रेडिट लिमिट वह लिमिट होती है जिसके बराबर क्रेडिट कार्ड होल्डर अपने कार्ड से अधिकतम खर्च कर सकता है। क्रेडिट कार्ड पर लाभ और विशेषताओं के आधर पर ही क्रेडिट लिमिट तय होती है। क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट का कितना इस्तेमाल किया जाए? इसके बारे मे जानकारी लेने से पहले क्रेडिट लिमिट की कुछ जरूरी बातों को जानना जरूरी है।
बैंक क्रेडिट लिमिट कैसे तय करते हैं
क्रेडिट लिमिट तय करने का कोई सटीक तरीका नहीं है क्योंकि बैंक को लिमिट तय करने का अधिकार होता है, ऐसे में कई बार क्रेडिट कार्ड पर दी जाने वाली क्रेडिट लिमिट का अंदाजा लगाना कई बार मुश्किल होता है। फिर भी कई ऐसे मानक होते हैं जिन्हें देखकर बैंक क्रेडिट कार्ड की लिमिट तय करता है। आपकी क्रेडिट लिमिट तय करने से पहले बैंक आपकी मासिक कमाई, फिक्स खर्चे और वित्तीय दायित्वों के बारे में जानकारी हासिल करेगा। बैंक आपकी सेलरी स्लिप, टैक्स डॉक्यूमेंट, बैंक स्टेटमेंट, और क्रेडिट रिपोर्ट से आपके वित्तीय हालात को समझेगा।
क्रेडिट लिमिट का पूरा न करें इस्तेमाल
क्रेडिट लिमिट का कितना इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह कई लोगों को सुनने में कुछ अटपटा लग सकता है क्योंकि लिमिट तो पहले से ही तय की जा चुकी है ऐसे में दोबारा लिमिट लगाने का कोई तुक नहीं बैठता। लेकिन जानकार हमेशा क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को यही राय देते हैं कि अपनी क्रेडिट लिमिट का पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं करें। क्रेडिट लिमिट का पूरा इस्तेमाल होने से क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बढ़ जाती है जिससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है।
क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो
आपको शायद क्रेडिट स्कोर के बारे में जानकारी होगी, यह वह आंकड़ा होता है जिसे आपके कर्ज उठाने के इतिहास और उसे चुकाने के व्यवहार के आधार पर निकाला जाता है। आम तौर पर ज्यादा क्रेडिट स्कोर होने का मतलब है आपको दिया जाने वाले कर्ज के डूबने का रिस्क कम है, ऐसा होने पर बैंक या दूसरा कर्जदाता आपका लोन आसानी और तेजी से मंजूर कर लेगा।
कैश लिमिट भी क्रेडिट लिमिट का ही हिस्सा है
जिस तरह से क्रेडिट लिमिट यह बताती है कि आप क्रेडिट कार्ड से कितना खर्च कर सकते हैं उसी तरह से कैश लिमिट यह बताती है कि क्रेडिट कार्ड के जरिए से आप कितना कैश निकलवा सकते हैं। क्रेडिट कार्ड कैश निकलवाने का फीचर भी देता है जिसके जरिए कार्ड होल्डर को एक निश्चित लिमिट तक कैश निकलवाने का अधिकार होता है।