आज के अनिश्चितता के दौर में हम सभी यही चाहते हैं कि नौकरी रहे न रहे, लेकिन हमारी निश्चित कमाई हर महीने चलती रहे। लेकिन कई मंथली इनकम स्कीम इंश्योरेंस से जुड़ी होती हैं, जिसमें निवेश के 10 से 15 साल के बाद आपको निश्चित इनकम का फायदा मिलता है। लेकिन यह आपको एक ऐसी स्कीम के बारे में बता रहे हैं जिसमें आप यदि आज निवेश करते हैं तो आपकी अगले महीने से ही मंथली इनकम शुरू हो जाएगी। दरअसल यह कमाई आपको ब्याज पर मिलती है। आपको एक मुश्त पैसा जमा करना होता है, जिसके बाद आपको हर महीने उसका ब्याज मिलता है। यह स्कीम है डाक घर की मंथली इनकम स्कीम जिसे प्रचलित भाषा में MIS कहा जाता है।
इस साल के बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस मंथली इनकम स्कीम में डिपॉजिट मनी की लिमिट को दो गुना कर दिया गया है। वहीं इस नए अपडेट के अनुसार पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में निवेश की रकम सीधे डबल हो जायेगी, जहां सिंगल अकाउंट में 4.5 लाख रुपये की जगह आप 9 लाख रुपए का निवेश कर पायेंगे। आज हम आपको Post Office Monthly Income Scheme के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। जिससे आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो जायेगी।
ऐसे काम करेगी Post Office Monthly Income Scheme
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम के तहत अभी तक आप 4.5 लाख रुपये का अधिकतम निवेश या डिपॉजिट 7.4 % ब्याज दर के आधार पर करते हैं। वहीं इसे उदाहरण के तौर पर देखें तो 4,50,000 रुपये पर 5 साल के लिए अभी 7.4 % फीसद ब्याज दर पर हर महीने 2,775 रुपये की आय होती है। वहीं अब नये अपडेट के अनुसार जब आप इसमें 9 लाख रुपये का निवेश कर सकेंगे। बजट- 2023 में यह घोषणा की गई है कि जॉइंट अकाउंट की स्थिति में इसमें 9 लाख रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकेगा।
इतने लोग इस स्कीम में खोल सकेंगे अकाउंट
Post Office Monthly Income Scheme में अब सिंगल ही नहीं बल्कि ज्वाइंट और 3 लोग मिलकर भी अकाउंट ओपन कर सकेंगे। वहीं अगर कोई नाबालिग इस अकाउंट को खोलना चाहेगा तो उसकी तरफ से उसके अभिभावक उसका अकाउंट खोल सकेंगे।
इतने सालों के लिए है Post Office Monthly Income Scheme
बता दें कि पोस्ट ऑफिस की इस मंथली स्कीम में निवेश 5 साल के लिए होता है, जिसके बाद अगर कोई चाहे तो इस अकाउंट को बंद करा सकता है। इसके साथ ही अगर खाताधारक की मृत्यु मैच्योरिटी से पहले हो जाती है तो यह अकाउंट अपने आप बंद हो सकता है, वहीं इसके बाद नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को इसकी धनराशि सौंपी जाती है।