हमारे देश में इन्वेस्टमेंट को लेकर अवेयरनेस तेजी से बढ़ी रही है। बड़ी संख्या में युवा शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट कर रहे हैं। एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाला वर्ग भी बहुत बड़ा है। सीधे शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम भरा होता है। म्यूचुअल फंड इस जोखिम को थोड़ा कम कर देते हैं। लेकिन म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि ये क्या हैं।
- म्यूचुअल फंड में SIP शुरू करने से पहले फंड के ऐतिहासिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करें। लंबे समय तक लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड में ही निवेश करें।
- फंड मैनेजर का अनुभव और विशेषज्ञता फंड के प्रदर्शन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है। इसलिए फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड जरूर चेक करें।
- कम एक्सपेंस रेशियो वाले फंड का चुनाव करें।
- सुनिश्चित करें कि फंड जोखिमों को कम करने के लिए सही तरीके से उसका डायवर्सिफिकेशन किया गया है।
- एसआईपी शुरू करने से पहले फाइनेंशियल गोल फिक्स करें। फाइनेंशियल गोल्स निर्धारित करना एक निवेशक के लिए उनकी यात्रा में एक प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है।
- अनुशासित तरीके से निवेश करने की आदत डालें। लंबी अवधि में वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है।
- जोखिम और वित्तीय लक्ष्यों में फिट बैठने वाले सही म्यूचुअल फंड चुनना काफी महत्वपूर्ण होता है। अलग-अलग फंडों में जोखिम के अलग-अलग स्तर होते हैं। इसलिए सही फंड का चुनाव करना जरूरी है।
- अनुशासित निवेश के लिए ऑटो-डेबिट मोड का उपयोग करें जिसमें निर्धारित तिथि पर एसआईपी राशि बैंक खाते से काट ली जाती है।
- बाजार की अस्थिरता और उतार-चढ़ाव में निवेशक भावना में बह कर फैसला ले लेते हैं। इसलिए भावनात्मक निवेश से बचें। बाज़ार के माहौल की परवाह किए निवेशित रहना ज्यादा फायदेमंद है।
- आय बढ़ने के साथ एसआईपी की रकम को बढ़ाएं। यह बड़ा फंड बनाने में मदद करता है।
- एसआईपी शुरू करने के बाद भी बीच-बीच में अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलन करें। यह ज्यादा रिटर्न दिलाने में मदद करेगा।