ITR: व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न भरने की डेडलाइन खत्म हो गई है। वित्त वर्ष 2021.22 के लिए 5.44 करोड़ से ज्यादा रिटर्न दाखिल किए गए हैं। हालांकि, बहुत सारे लोग रिटर्न भरने से चूक गए हैं। वो अब पेनल्टी देकर अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इस बीच आयकर विभाग की ओर से रिटर्न सत्यापन को लेकर एक बदलाव किया गया है। विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर रिटर्न के सत्यापन की समय सीमा 120 दिन पहले से घटाकर 30 दिन कर दिी है। हालांकि, यह घटी सीमा उन लोगों पर लागू होगी जो अब यानी 1 अगस्त, 2022 और उसके बाद आईटीआर भरेंगे। 31 जुलाई, 2022 तक ईटीआर दाखिल करने वालों को सत्यापन के लिए 120 दिन पहले की तरह मिलते रहेंगे।
रिटर्न वेरीफाई नहीं करने पर वैध नहीं
टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि अगर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया गया है तो उसे वेरिफाई करना जरूरी है। अगर रिटर्न को सत्यापित नहीं किया जाता है तो वह वैध रिटर्न नहीं माना जाता था। साथ ही टैक्स रिफंड भी नहीं मिलता है। इससे बचने के लिए टैक्सपेयर को जल्द से जल्द रिटर्न भरने के बाद उसे सत्यापित करना चाहिए। यह काम करदाता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से कर सकता है।
5 तरीकों से कर सकते हैं ITR वेरिफिकेशन
- Aadhar ओटीपी के जरिए
- डीमैट अकाउंट के जरिए
- Bank अकाउंट के जरिए
- नेटबैंकिंग के जरिए
- बैंक ATM के जरिए
समय पर भरने वाले को कोई दिक्कत नहीं
टैक्स एक्सपर्ट का कहना कि नया बदलाव उन लोगों पर लागू होगा जो 1 अगस्त या इसके बाद अपना आयकर रिटर्न फाइल करेंगे। जिन लोगों ने 31 जुलाई, 2022 तक रिटर्न फाइल कर दी है, उन्हें रिटर्न वेरिफाई कने के लिए 120 दिन का समय मिलेगा। इसके साथ ही अब फिजिकल मोड में रिटर्न वेरिफाई करने वाले टैक्सपेयर्स को वेरिफिकेशन को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पते पर सिर्फ स्पीडपोस्ट से भेजने की इजाजत होगी। पहले इसे ऑर्डनरी पोस्ट से भी भेजा जा सकता था। टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के बाद उसे वेरिफाई करना अनिवार्य है। अगर आईटीआर फॉर्म वेरिफाई नहीं किया जाता है तो इनकम टैक्स फाइलिंग प्रोसेस को पूरा नहीं माना जाता है।