Highlights
- इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की डेडलाइन 31 जुलाई है
- ITR दाखिल करने के लिए 6 अलग अलग तरह के फॉर्म हैं
- फॉर्म को वेरिफाइ नहीं करते हैं तब तक रिटर्न अधूरा
ITR 2022: आप यदि किसी भी स्रोत से कमाई करते हैं तो वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की डेडलाइन 31 जुलाई है। आयकर विभाग ने बीते कुछ वर्षों की तरह इस साल भी इनकम टैक्स रिटर्न की प्रक्रिया में कुछ जरूरी बदलाव किए हैं। विभाग की कोशिश रिटर्न की प्रक्रिया को इतना आसान बनाने की है जिससे कोई भी साधारण व्यक्ति भी आसानी से खुद रिटर्न फाइल कर सके।
यदि आप भी खुद ही रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना होगा। इससे न सिर्फ आपके लिए टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। साथ ही आपको आयकर विभाग के नोटिस का भी सामना नहीं करना पड़ेगा। इंडिया टीवी पैसा ने आपके लिए एक्सपर्ट से बात की। एक्सपर्ट ने ऐसी ही 5 जरूरी बातें बताईं जिन पर अमल कर आप आसानी से टैक्स रिटर्न यानि ITR फाइल कर सकते हैं।
1. पहला कदम - सही ITR फॉर्म
इनकम टैक्स विभाग ने ITR दाखिल करने के लिए 6 अलग अलग तरह के फॉर्म तय किए हैं। यहां अलग अलग इनकम के अनुसार अलग अलग फॉर्म होता है, ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए आपको सबसे पहले सही ITR फॉर्म चुनना होगा। गलत फॉर्म भरने पर न सिर्फ आपका रिटर्न खारिज कर दिया जाएगा, वहीं इनकम टैक्स के सेक्शन 139(5) के तहत रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने का नोटिस भी मिलेगा।
2. पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में एक का चयन
आयकर रिटर्न फॉर्म तय हो जाने के बाद आपको दूसरा बड़ा काम पुरानी और नई कर व्यवस्था में से एक को चुनना होगा। 1 अप्रैल, 2020 को आयकर विभाग ने नया ऑप्शन दिया था। नए टैक्स स्लैब में टैक्स की दरें कम रखी गईं हैं। लेकिन आपसे सभी प्रकार के डिडक्शन जैसे 80 सी में निवेश के लाभ छीन लिए गए। दूसरी ओर पुराने टैक्स सिस्टम में टैक्स की दरें ज्यादा हैं, लेकिन आप डिडक्शन का लाभ ले सकेंगे।
3. इनकम का सही खुलासा
आयकर विभाग ने वैसे तो रिटर्न के फॉर्म को काई कुछ प्रीफिल यानि पहले से ही जानकारी से भरा बनाया है। लेकिन इसके बाद भी आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप अपनी आय की सही जानकारी दें। यदि आप अपनी आय के सभी स्रोत नहीं बताते हैं तो आपको आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है। अगर आपका किसी दूसरे देश में बैंक अकाउंट है तो इसकी जानकारी भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय देनी होती है। इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, भारत के सभी टैक्स पेयर्स को बैंक खातों सहित सभी विदेशी संपत्तियों की जानकारी देनी होगी।
4. फॉर्म 26AS से आय का मिलान करें
यदि आपकी कंपनी ने आपकी आय से पहले ही टीडीएस काट लिया है। या फिर आप किसी संस्था के लिए फ्रीलांस काम करते हैं जिसने आपको टीडीएस काट कर पैसा दिया है, तो आपके लिए सबसे काम की चीज है फॉर्म 26AS। इसे टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट भी कहा जाता है, इसमें आपकी आय पर काटे गए TDS के भुगतान का पूरा चिट्ठा होता है। टैक्सपेयर को इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले Form 26AS और Form 16/16A से इनकम मिलाने के लिए कहा जाता है।
5. टैक्स रिटर्न को वेरिफाई करना
अक्सर लोग टैक्स रिटर्न का फॉर्म सबमिट कर सोच लेते हैं कि प्रक्रिया पूरी हो गई है। लेकिन फॉर्म भरना आधा काम है, जब तक आप फॉर्म को वेरिफाइ नहीं करते हैं तब तक रिटर्न अधूरा ही माना जाता है। रिटर्न की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको अपने आधार की मदद से रिटर्न वैरिफाइ करने के लिए कहा जाता है। इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल से अपने टैक्स रिटर्न को ई-वेरिफाई कर सकते हैं। यदि आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो आप सीपीसी-बेंगलुरू के पास अपना रिटर्न फॉर्म भेज कर वेरिफाई करा सकते हैं।