आज के समय में म्यूचुअल फंड में एसआईपी करना शेयर बाजार में निवेश के सबसे अच्छे तरीकों में से एक माना जाता है। लेकिन जानकार सलाह देते हैं कि अगर आपको म्यूचुअल फंड में अच्छा रिटर्न प्राप्त करना हो तो समय-समय उसका एनालिसिस करना काफी जरूरी है कि आखिर आपका म्यूचुअल फंड इंडेक्स को बीट भी कर पा रहा है या नहीं।
कैसे करें म्यूचुअल फंड का एनालिसिस
उद्देश्य स्पष्ट रखें: म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आपका उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए कि आखिर आप क्यों निवेश कर रहे हैं। अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं तो एक या दो साल के अंतराल के लिए लगातार एसआईपी में निवेश करें, क्योंकि म्यूचुअल फंड में एसआईपी का रिटर्न एक या दो साल के बाद ही दिखाई देता है।
बेंचमार्क: आपको हमेशा अपने म्यूचुअल फंड स्कीम में देखना होगा कि आपका म्यूचुअल फंड उसके बेंचमार्क से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है या नहीं। अगर आपका म्यूचुअल फंड लगातार उसके बेंचमार्क से खराब प्रदर्शन कर रहा है तो आपको अपने वित्तीय सलाहाकार से बातचीत कर किसी दूसरी स्कीम में निवेश पर विचार करना चाहिए।
रिस्क: हमेशा अपने म्यूचुअल फंड में उतार-चढ़ाव पर नजर रखें। अगर आपने ज्यादा रिस्क वाला म्यूचुअल फंड में निवेश किया हुआ है। बाजार में उथल-पुथल के दौरान उसमें ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इसका आपके पोर्टफोलियो पर सकारात्मक और नकारात्मक (बाजार की स्थिति के मुताबिक) दोनों असर हो सकता है। ऐसे में अगर आप ज्यादा रिस्क ले सकते हैं तो ही ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले म्यूचुअल फंड में निवेश करें।
चार्जेस: म्यूचुअल फंड कंपनी की ओर से काटे जाने वाला चार्जेस को लेकर आपको हमेशा पूरी जानकारी होनी चाहिए।
मैनेजमेंट में बदलाव: म्यूचुअल फंड निवेशक के तौर पर अपको अपनी स्कीम के मैनेजमेंट के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। अगर इसमें कोई भी बदलाव होता है तो तुरंत देखें कि इसका आपके निवेश पर क्या असर होगा।