Gold Loan एक ऐसा लोन है जो कि काफी आसानी से मिल जाता है और सिक्योर्ड लोन होने के कारण इसमें ब्याज दर पर्सनल लोन के मुकाबले काफी कम होती है। इस कारण से हाल के दिनों में इसके चलन में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। भारत में गोल्ड पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर किया जाता रहा है। इस कारण से बड़ी संख्या में लोगों के पास पास सोने पर मालिकाना हक होने के दस्तावेज नहीं होते हैं। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठाता है कि क्या गोल्ड लोन लेते समय सोने पर मालिकाना हक साबित होना जरूरी है या नहीं?
क्या है RBI का नियम?
आरबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति एक बार में या फिर संयुक्त रूप से 20 ग्राम से अधिक सोने पर गोल्ड लोन लेता है तो उसे सोने पर मालिकाना हक साबित करना जरूरी है। अगर 20 ग्राम से कम सोने पर गोल्ड लोन लिया जाता है तो किसी भी प्रकार की ओनरशिप रिसिप्ट देने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति 20 ग्राम से कम सोने को बिना मालिकाना हक साबित किए गिरवी रखकर गोल्ड लोन ले सकता है।
गोल्ड लोन लेने के फायदे
- गोल्ड लोन में अन्य लोन के मुकाबले पेपरवर्क की कम आवश्यकता होती है। इसमें सोने को गिरवी रखा जाता है। इस वजह से केवल पहचान और पते को प्रमाणित करने के लिए दस्तावेज की आवश्यकता होती है।
- इनकम प्रूफ दिखाने की जरूरत नहीं।
- इसमें आपके पास विकल्प होता है कि आप किस्त के रूप में पैसा चुका सकते हैं या फिर लोन समाप्त करने के लिए एकमुश्त भुगतान कर सकते हैं।
- पर्सनल लोन के मुकाबले गोल्ड लोन में ब्याज दर कम होती है। इस वजह से आप गोल्ड लोन लेकर काफी बचत कर सकते हैं।
- गोल्ड लोन प्रोसेसिंग फीस काफी कम होती है। कई बैंक तो जीरो प्रोसेसिंग फीस पर गोल्ड लोन देते हैं।
- सिक्योर्ड लोन होने के कारण इसमें सिबिल स्कोर की आवश्यकता नहीं होती है।