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इंश्योरेंस पॉलिसी वापस लेने के लिए 'फ्री लुक'पीरियड बढ़ाने का प्रस्ताव, 30 दिन करने की बात

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक मसौदा जारी कर बीमा से संबंधित विभिन्न नियमों के कई प्रावधानों को एकीकृत करने का प्रस्ताव रखा है। नियामक ने नॉमिनी का उल्लेख किए जाने को अनिवार्य बनाने की भी बात कही है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: February 14, 2024 22:44 IST
इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी के मामले में यह अवधि 30 दिनों की होती है। - India TV Paisa
Photo:FILE इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी के मामले में यह अवधि 30 दिनों की होती है।

आने वाले दिनों में इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वालों को पॉलिसी लौटाने के लिए ज्यादा समय मिल सकता है। बीमा नियामक आईआरडीएआई ने पॉलिसी वापस लेने के लिए निर्धारित 'फ्री लुक' अवधि को 15 दिन से बढ़ाकर 30 दिन करने और जीवन बीमा पॉलिसी के लिए नामांकन को जरूरी बनाने का बुधवार को प्रस्ताव रखा। भाषा की खबर के मुताबिक, मौजूदा समय में कोई बीमाधारक पॉलिसी के नियमों और शर्तों से संतुष्ट न होने की स्थिति में पॉलिसी दस्तावेज मिलने की तारीख से 15 दिनों की 'फ्री लुक' अवधि के भीतर उससे अलग हो सकता है। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी के मामले में यह अवधि 30 दिनों की होती है। 

हर तरह से ली गई पॉलिसी के लिए प्रस्ताव

खबर के मुताबिक, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक मसौदा जारी कर बीमा से संबंधित विभिन्न नियमों के कई प्रावधानों को एकीकृत करने का प्रस्ताव रखा है। इस ड्राफ्ट में पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा के बारे में कहा गया है कि किसी भी माध्यम से हासिल पॉलिसी के लिए फ्री-लुक अवधि पॉलिसी दस्तावेज़ मिलने की तारीख से 30 दिन होगी। 

इसके अलावा बीमा नियामक ने इस मसौदे में पॉलिसी जारी करने के लिए नॉमिनी का उल्लेख किए जाने को अनिवार्य बनाने की भी बात कही है। इसके मुताबिक, साधारण बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से संबंधित नामांकन प्रावधान पेश किए गए हैं। 

ये प्रस्ताव भी रखा

इस मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक, पॉलिसी रिफंड के इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण और बीमा दावों के भुगतान को सक्षम बनाने के लिए बीमा कंपनी को प्रस्ताव चरण में ही बीमाधारक के बैंक खातों की डिटेल इकट्ठा करना चाहिए। इसके साथ ही आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों की तरफ से अपने विज्ञापनों की जानकारी नियामक को देने की जरूरत को खत्म करने का भी प्रस्ताव रखा है। बीमा नियामक आईआरडीएआई ने इन प्रस्तावों पर 4 मार्च, 2024 तक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। 

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