Thursday, November 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. मेरा पैसा
  4. म्यूचुअल फंड के निवेश में जोखिम है तो निवेशक इंडेक्स फंड से कैसे बना ले रहे पैसा? ये रहा स्मार्ट तरीका

म्यूचुअल फंड के निवेश में जोखिम है तो निवेशक इंडेक्स फंड से कैसे बना ले रहे पैसा? ये रहा स्मार्ट तरीका

Mutual Funds: दो तरह के फंड होते हैं। पहला एक्टिव म्यूचुअल फंड और दूसरा पैसिव म्यूचुअल फंड। दूसरे वाले फंड को हम इंडेक्स फंड भी कहते हैं। इंडेक्स फंड में कोई फंड मैनेजर नहीं होता, इसलिए आपको बाकी फंड की तरह ब्रोकर का चार्ज नहीं देना पड़ता। ये नए निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद है।

Written By: ANISH KUMAR SINGH @AnishSonevanshi
Updated on: February 14, 2023 18:04 IST
mutual funds- India TV Paisa
Photo:FILE निवेशक इंडेक्स फंड से कैसे बना ले रहे पैसा, यहां जानें

Index Fund: अच्छा म्यूचुअल फंड चुनना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन बिना किसी के टिप के, खुद से चुनना, ये बड़ी बात है। आज मैं आपकी इस समस्या को बिलकुल आसान करने जा रहा हूं। उन लोगों को खास कर इसे जरूर पढ़ना चाहिए जो अपनी गाढ़ी कमाई के पैसे को कहीं इन्वेस्ट करना चाहते हैं। चूंकि मैं हर नए निवेशक को इंडेक्स फंड में ही निवेश करने की सलाह देता हूं। मेरे इन शब्दों पर ध्यान दीजिएगा, 'नए निवेशक'।

इंडेक्स फंड में निवेश करना क्यों बेहतर ?

दो तरह के फंड होते हैं। पहला एक्टिव म्यूचुअल फंड और दूसरा पैसिव म्यूचुअल फंड। दूसरे वाले फंड को हम इंडेक्स फंड भी कहते हैं। इंडेक्स फंड में कोई फंड मैनेजर नहीं होता, इसलिए आपको बाकी फंड की तरह ब्रोकर का चार्ज नहीं देना पड़ता। ये नए निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद है। लेकिन अगर आप अपने फंड में अल्फा जेनरेट करना चाहते हैं। और मार्केट को बीट कर अच्छे रिटर्न पाना चाहते हैं तो आप इंडेक्स फंड्स के अलावा दूसरे फंड्स को भी चुन सकते हैं। लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि शुरुआती दौर में इंडेक्स फंड नए निवेशकों के लिए सबसे बेहतरीन इन्वेस्टमेंट ऑप्शन होता है।

इंडेक्स फंड बाकी के फंड्स से क्यों अच्छा है?

वॉरेन बफेट का नाम आपने सुना होगा। ये दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टर हैं। उम्र में भी बड़े और पैसे के लिहाज से भी बड़े। 92 साल के वॉरेन बफेट ने 11 साल की उम्र से ही इन्वेस्टिंग शुरू कर दी थी। काफी साल के एक्सपीरियंस के बाद उन्होंने बाकी फंड्स के मुकाबले इंडेक्स फंड को बेहतर माना है और ये बात हमारे भारत के लिए भी सोलह आने सच साबित हुई है।

कोरोना के वक्त लोगों ने पैसे कैसे बनाए?

आप इस बात को एक उदाहरण से समझ सकते हैं। कोरोना की वजह से मार्च 2020 में निफ्टी-50 अपने लाइफ टाइम हाई यानी करीब 12,350 से नीचे गिरकर साढ़े 7 हजार के लेवल पर पहुंच गया था। अगर इस वक्त जिसने भी मार्केट के गिरने पर इंडेक्स फंड में पैसे लगाए होते तो उसके पैसे महज पौने 2 साल में ही डबल हो गए होते। आज मार्केट साढ़े 17 से 18 हजार के लेवल पर काफी दिनों से है। ये भी अच्छा मौका है जब आप किसी अच्छे इंडेक्स फंड में पैसे इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं।

कैसे चुने अच्छा इंडेक्स फंड?

किसी भी फंड को चुनने से पहले आपको कुछ बेसिक चीजों की समझ बहुत जरूरी है। मसलन, जिस फंड में आप पैसे लगाने जा रहे हैं वो फंड कितना रिस्की है, उसका Standard Deviation क्या है, कितना अल्फा जेनरेट करता है, उस फंड का बीटा कितना है, Sharpe और Sortino Ratio कितना है...वगैरह..वगैरह...अब आप कहेंगे, ये क्या दिमाग हिलाने वाली बातें आप कर रहे हैं। इन सभी बातों से बचने के लिए ही मैंने आपको इंडेक्स फंड का रास्ता बताया है। हालांकि इंडेक्स फंड में भी निवेश की शुरुआत करने के लिए आपको दो इंडेक्स फंड्स के बीच अंतर की समझ होनी चाहिए। इसलिए अब मैं आपको बड़े आसान तरीके से वो अंतर बनाने जा रहा हूं।

Std Dev देखकर पता करें, फंड कितना रिस्की है?

ऐसी बहुत सी साइट्स हैं जहां आप फंड का नाम भर लिखेंगे तो उसके बारे में सारी जानकारी आपके सामने आ जाएंगी। उनमें से सबसे ज्यादा जरूरी है। Standard Deviation जिसे शॉर्ट फॉर्म में Std Dev के नाम से भी जानते हैं। चूंकि यहां बात इंडेक्स फंड की हो रही है। ऐसे में उसका बेंचमार्क S&P BSE 100 TRI ही देखने को मिलता है। आप इस अंग्रेजी के शब्द से घबराएं नहीं। जब आप साइट खोलेंगे तो आपके इंडेक्स फंड के नीचे ये बेंचमार्क लिखा हुआ आएगा...जिससे आप अपने फंड की तुलना कर सकते हैं। आपके चुने हुए फंड ने कितने साल में कितना रिटर्न दिया है, ये साफ पता चल जाएगा। Std Dev का मतलब ये है कि आप जिस फंड में निवेश करने जा रहे हैं वो कितना Volatile(Risky) है। अगर आपके फंड की वैल्यू अपने बेंचमार्क के आस-पास ही दिखती है तो सही है। इसका मतलब जिस फंड को आप चुनने जा रहे हैं उसका परफॉर्मेंस अपने बेंचमार्क के हिसाब से ही है। अगर ये वैल्यू ज्यादा है इसका मतलब ये है कि आपका फंड थोड़ा ज्यादा रिस्की है। और अगर ये वैल्यू कम है तो इसका मतलब ये है कि आपने जिस फंड को चुना है वो कम रिस्की है। इसके अलावा आप शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के लिहाज से भी रिटर्न देखकर निवेश कर सकते हैं। बाकी के Ratio की बाद में चर्चा होगी। 

इंडेक्स फंड चुनने के बाद निवेश कैसे करें?

मार्केट में आपको कब और कैसे इंडेक्स फंड में निवेश करना है, आपकी इस परेशानी को खत्म करने के लिए मैंने पहले से ही इस आर्टिकल में पूरा तरीका समझा रखा है। इसे पढ़ने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और अपने इन्वेस्टमेंट की जर्नी की हसीन शुरुआत करें। 

ये भी पढ़ें: क्या है 'ब्लास्ट Lumpsum' टेक्निक? इसकी मदद से शेयर बाजार में निवेशक बन जाते हैं बाजीगर; वॉरेन बफेट भी हैं इसके फैन

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Personal Finance News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement