Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. मेरा पैसा
  4. आयकर विभाग ने पकड़ा झोलझाल!, कर्मचारियों के पेमेंट किराए और प्राप्तकर्ता को मिली राशि में मिला अंतर

आयकर विभाग ने पकड़ा झोलझाल!, कर्मचारियों के पेमेंट किराए और प्राप्तकर्ता को मिली राशि में मिला अंतर

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने उन रिपोर्ट का खंडन किया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एचआरए से जुड़े मामलों को फिर से ओपन कर रहा है। ई-वेरिफिकेशन का मकसद विसंगतियों से जुड़े मामलों के बारे में सचेत करना था।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: April 08, 2024 22:38 IST
ऐसे मामलों की संख्या बहुत कम है।- India TV Paisa
Photo:FILE ऐसे मामलों की संख्या बहुत कम है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (आयकर विभाग) ने सोमवार को कहा कि उसने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वेतनभोगी कर्मचारियों (सैलरीड कलास) के भुगतान किये गए किराए और प्राप्तकर्ता को मिली राशि के बीच अंतर पाया है। विभाग ने ज्यादा वैल्यू वाले मामलों में आंकड़ों का विश्लेषण किया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने उन रिपोर्ट का खंडन किया कि विभाग आवास किराया भत्ता (एचआरए) के मामलों को फिर से खोलने के लिए एक विशेष अभियान चला रहा है। किरायेदार के भुगतान किये गए किराये और प्राप्तकर्ता को मिले किराये का सत्यापन किया गया था। ऐसे मामलों की संख्या बहुत कम है।

वेरिफिकेशन काफी कम मामलों में किया गया था

खबर के मुताबिक, सीबीडीटी ने बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर्मचारी द्वारा भुगतान किये गए किराये और प्राप्तकर्ता को मिली राशि के बीच विसंगतियों वाले कुछ हाई वैल्यू के मामलों में आंकड़ों का विश्लेषण किया गया था। यह वेरिफिकेशन काफी कम मामलों में किया गया था और बड़ी संख्या में मामलों को दोबारा नहीं खोला गया है। इसमें कहा गया है कि ई-वेरिफिकेशन का मकसद दूसरों को प्रभावित किये बिना सिर्फ वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जानकारी में विसंगतियों से जुड़े मामलों के बारे में सचेत करना था।

विभाग ने टैक्सपेयर्स को सचेत किया है

सीबीडीटी ने कहा कि टैक्सपेयर्स की तरफ से दायर किये गए रिटर्न और आयकर विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के बीच अंतर होने के कुछ मामले विभाग के नोटिस में आए हैं। यह कुछ और नहीं बल्कि आंकड़ों के सत्यापन के लिए नियमित तौर पर उठाए जाने वाले कदमों का हिस्सा है। ऐसे मामलों में, विभाग ने टैक्सपेयर्स को सचेत किया है ताकि वे सुधारात्मक कदम उठा सकें।

आवास किराया भत्ता वेतन आय या सीटीसी का हिस्सा होता है। इसकी गणना टैक्स योग्य आय में की जाती है। हालांकि, अगर कोई कर्मचारी किराए के आवास में रहता है, तो वह वैध किराया रसीद जमा करके वर्ष के दौरान हासिल एचआरए के लिए आयकर छूट का दावा कर सकता है। हालांकि, अगर करदाता नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें कोई छूट नहीं मिलती है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Personal Finance News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement