Friday, September 06, 2024
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Home Loan पर कैसे घटाएं EMI का भार, ये पांच तरीके करेंगे आपकी मदद, यहां जानें पूरी बात

अगर आप अपने होम लोन पर ब्याज भुगतान कम करना चाहते हैं, तो आपको लोन की राशि का प्री-पेमेंट करने पर विचार करना चाहिए।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: May 31, 2024 8:23 IST
फ्लोटिंग रेट के मामले में, कोई प्री-क्लोजर शुल्क नहीं लगाया जाता है।- India TV Paisa
Photo:FILE फ्लोटिंग रेट के मामले में, कोई प्री-क्लोजर शुल्क नहीं लगाया जाता है।

होम लोन एक लंबे समय तक चलने वाली जिम्मेदारी है। होम लोन बेशक आपको अपने सपनों का घर पाने में मदद कर सकता है,  लेकिन इसका रीपेमेंट ब्याज की राशि के तौर पर महंगा पड़ता है। एक घर खरीदार के रूप में, अपने मासिक होम लोन भुगतान को बनाए रखना आर्थिक रूप से थका देने वाला हो सकता है, क्योंकि आपको अपनी EMI नियमित रूप से चुकानी होती है। इसके अतिरिक्त, ऋण का ब्याज घटक आपके वित्तीय बोझ को और बढ़ा सकता है। लेकिन अगर आपके पास एक ठोस योजना है, तो लोन रीपेमेंट में ज़्यादा परेशानी नहीं होगी। आप चाहें तो होम लोन की ईएमआई को कम कर सकते हैं। यानी ब्याज के तौर पर चुकाई जाने वाली राशि को कम कर सकते हैं। इसके लिए कुछ निम्न पहल करने पर मदद मिल सकती है।

लोन का प्री-पेमेंट

अगर आप अपने होम लोन पर ब्याज भुगतान कम करना चाहते हैं, तो आपको लोन की राशि का प्री-पेमेंट करने पर विचार करना चाहिए। प्री-पेमेंट राशि मूलधन को कम करता है और ब्याज में कमी आती है। ऐसा करने से पहले यह जरूर पता करें कि आपका बैंक या होम लोन प्रोवाइडर प्रीपेमेंट के लिए कोई जुर्माना या शुल्क तो नहीं लेते हैं, खासकर अगर ब्याज दर तय है। फ्लोटिंग रेट के मामले में, कोई प्री-क्लोजर शुल्क नहीं लगाया जाता है।

लंबी अवधि का लोन न चुनें

लंबी अवधि वाले होम लोन के लिए बैंकों द्वारा ली जाने वाली ब्याज दर ज्यादा होती है। ऐसे में अगर आपकी वित्तीय स्थिति इसकी अनुमति देती है, तो कम अवधि का होम लोन चुनने में ही समझदारी है। इससे कम ब्याज दरों के साथ रीपेमेंट की प्रक्रिया तेज होगी।

संभव हो तो किस्त में बढ़ोतरी करें

अगर आपकी वित्तीय स्थिति स्थिर है, तो आप हर साल अपनी अपनी मासिक किस्त यानी ईएमआई को 5 प्रतिशत बढ़ाने या एक साल में एक से ज़्यादा EMI चुकाने पर विचार कर सकते हैं। आईसीआईसीआई डायरेक्टर के मुताबिक, इससे आपको चुकाए जाने वाले ब्याज की राशि में काफी कमी आएगी। इससे पहले एक बात जिसपर आपको गौर  करना चाहिए कि अपनी वित्तीय जरूरतों का अनुमान लगाएं, फिर होम लोन ईएमआई का कैलकुलेशन करें, साथ ही सैलरी ग्रोथ या सालाना बोनस के मामले में आप कितनी अतिरिक्त किस्त वहन कर सकते हैं। राशि भले ही छोटी हो, यह आपके लोन अवधि पर काफी असर डाल सकती है।

कम ब्याज दरों पर बनाएं रखें नजर

मार्केट में होम लोन की ब्याज दर पर हमेशा नजर बनाए रखें। इसको जानने की कोशिश कर सकते है कि क्या बैंक कम ब्याज ऑफर कर रहे हैं। इससे आपको रीफाइनेंस या होम लोन बैलेंस ट्रांसफर का ऑप्शन चुनने में मदद मिल सकती है। यह ब्याज के बोझ को कम करता है। इस प्रक्रिया में पुराने बैंक से कम दर पर बकाया मूल राशि को नए बैंक को ट्रांसफर करना शामिल है। यह ब्याज पर बचत करने और दूसरे आर्थिक जिम्मेदारियों के प्रबंधन के लिए अपनी बचत का इस्तेमाल करने का एक आसान और प्रभावी तरीका है।

डाउन पेमेंट राशि ज्यादा देने की करें कोशिश

जब आप घर खरीदते हैं, तो आमतौर पर यह जरूरी होता है कि आप कुल खरीद मूल्य का कम से कम 20 प्रतिशत डाउन पेमेंट करें। अगर आप होम लोन ले रहे हैं तो यह कोशिश जरूर करें कि आप ज्यादा से ज्यादा अमाउंट डाउन पेमेंट करें। इससे लोन अमाउंट कम हो सकता है, जो आपको कम ब्याज दर प्राप्त करने में मदद कर सकती है। यह आखिरकार आपके होम लोन के तेज़ी से रीपेमेंट की सुविधा प्रदान करेगा।

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