रिजर्व बैंक ने पिछले साल मई से रेपो रेट (Repo Rate) में आक्रामक बढ़ोत्तरी की शुरू की थी। इसके बाद से साल भर के भीतर ही रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है। इसका सबसे बुरा असर होम लोन (Home Loan) लेने वाले ग्राहकों पर पड़ा है। ब्याज दरें अब 10 प्रतिशत के पार चली गई हैं। आमतौर पर लोन लेने वाले इस लंबे समय तक चलने वाले कर्ज को फ्लोटिंग आधार पर लेते हैं, जिसमें रिजर्व बैंक के हर बदलाव के बाद ब्याज दरें बढ़ जाती है। साल भर में 30 लाख के कर्ज पर औसतन 3000 से 4000 रुपये तक ईएमआई (Loan EMI) बढ़ गई हैं।
ऐसे में यदि आप भी महंगी ब्याज दरों से उकता गए हैं, तो जून की शुरूआत में ही आप एक बड़ा फैसला ले सकते हैं। आप अपनी ईएमआई के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए बैंक से संपर्क कर सकते हैं। यहां हम आपको तीन उपाय बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपनी लोन की ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं।
दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा लें होम लोन
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में बढ़ोत्तरी करने के बाद से लगभग सभी सरकार और निजी बैंक ब्याज दरों में बदलाव कर चुके हैं। लेकिन फिर भी मार्केट में विभिन्न बैंकों के बीच जारी प्रतिस्पर्धा का फायदा उठाने का अवसर आपके पास रहता है। कुछ बैंक लोन ट्रांसफर करने पर आपको ब्याज दरों से लेकर दूसरी तरह की रियायतें देते हैं। ऐसे में यदि दूसरा बैंक आपको 0.50 फीसदी कम ब्याज पर लोन देने को राजी है तो आप लोन ट्रांसफर करा सकते हैं। इससे आपको हर महीने अदा की जाने वाली किस्तों में राहत मिलती है। लेकिन जानकार कहते हैं कि यदि आप शुरुआती वर्षों में लोन ट्रांसफर करा लेते हैं तो आपको इसका ज्यादा फायदा मिलता है।
लोन की अवधि बढ़वा लें
लोन की ईएमआई पिछले एक साल में करीब 4000 रुपये बढ़ गई है। ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि बढ़ती ईएमआई आपका बजट न बिगाड़े तो आपके पास अगला विकल्प लोन की अवधि बढ़ाने का होता है। लोन की अवधि बढ़ाकर आप ईएमआई को कम कर सकते हैं। लेकिन इसका नुकसान यह है कि आपको पहले से ज्यादा समय तक लोन चुकना पड़ सकता है, इससे आपकी कुल लोन की लागत भी बढ़ सकती है।
प्रीपेमेंट करने का प्रयास करें
साल में कई बार आपके पास मौके मिलते हैं जब आपको अपनी सैलरी के अतिरिक्त एक मुश्त रकम मिलती है। कई बार आपको पर्फोर्मेंस बोनस मिलता है, वहीं इन्क्रीमेंट के समय आपको पिछले महीनों का एरियर मिलता है। साथ ही आप एलटीए का पैसा भी एकमुश्त पा सकते हैं। इस प्रकार यदि आपके पास मंथली खर्च के अतिरिक्त कुछ रकम इकट्ठी हुई है तो आप अपने लोन का प्रीपेमेंट भी कर सकते हैं। आप इस बारे में अपने बैंक से बात करें। इस तरह आप लोन रीफाइनेंस करके अपनी होम लोन की अवधि कम करा सकते हैं। लोन में प्रीपेमेंट से आप उस कर्ज की अवधि घटा सकते हैं या उसकी EMI की रकम कम कर सकते हैं।