अपना घर हर किसी का सपना होता है। घर लेना जीवन की सबसे बड़ी खरीदारी में से एक है। भारत में ज्यादातर लोग घर खरीदने के लिए लोन लेते हैं। होम लोन (Home Loan) सबसे अधिक रकम और सबसे अधिक अवधि वाला लोन होता है। इसलिए, होम लोन लेने से पहले विभिन्न बैंकों द्वारा दिये जा रहे ऑफर्स की तुलना कर लें। साथ ही एक और चीज जरूर देखें। ये हैं होम लोन के साथ लिये जाने वाले चार्जेज। ये चार्जेज हर बैंक में अलग-अलग होते हैं। आइए इन चार्जेज के बारे में जानते हैं।
होम लोन एप्लिकेशन फीस
जब आप होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो आपके लोन आवेदन को प्रोसेस करने के लिए एप्लिकेशन फीस ली जाती है। यह फीस गैर-वापसी होती है। आपको लोन मिले या नहीं मिले, यह फीस देनी ही होती है। इसलिए होम लोन के लिए अप्लाई करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपको उसी बैंक से लोन लेना है।
प्रोसेसिंग फीस को करा सकते हैं माफ
एप्लिकेशन फीस के अलावा प्रोसेसिंग फीस भी ली जाती है। यह फीस लोन आवेदन के साथ ही ली जाती है। यह गैर-वापसी होती है। ग्राहक इस फीस को माफ भी करवा सकते हैं या कम करवा सकते हैं। कुछ संस्थान इस फीस के एक हिस्से को लोन आवेदन के साथ और दूसरे हिस्से को लोन मिलने से पहले देने का ऑप्शन देते हैं।
लीगल फीस
वित्तीय संस्थानों द्वारा प्रॉपर्टी की कानूनी स्थिति की छानबीन के लिए बाहरी वकीलों को नियुक्त किया जाता है। इसके लिए वकील द्वारा ली जाने वाली फीस वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों से वसूलते हैं। अगर इस प्रॉपर्टी को संस्थान ने पहले ही कानूनी रूप से मंजूरी दे दी है, तो यह चार्ज नहीं लगता है। आप अपने बैंक से पता कर लें कि खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी को कहीं पहले से तो मंजूरी नहीं मिली है। ऐसा है, तो आपकी लीगल फीस बच सकती है।
मॉर्गिज डीड फीस
होम लोन लेते समय यह एक बड़ा चार्ज होता है। यह आमतौर पर होम लोन के पर्सेंटेज के रूप में होता है। हालांकि, कुछ वित्तीय संस्थान होम लोन प्रॉडक्ट को अधिक आकर्षक बनाने के लिए इस चार्ज को माफ कर देते हैं।
कमिटमेंट फीस
कुछ बैंकों या एनबीएफसी द्वारा कमिटमेंट फीस भी ली जाती है। प्रोसेसिंग और मंजूरी मिल जाने के बाद एक निर्धारित समय अवधि के अंदर लोन नहीं लेने की स्थिति में कमिटमेंट फीस ली जाती है। यह एक ऐसी फीस है, जो अवितरित लोन पर वसूली जाती है।
प्रीपेमेंट पेनाल्टी
जब लोन लेने वाला व्यक्ति लोन अवधि समाप्त होने से पहले ही पैसे जमा करा देता है, तो उसे प्रीपमेंट कहते हैं। ऐसे में बैंक पेनल्टी लगाते हैं। अलग-अलग बैंकों में यह चार्ज अलग-अलग होता है। हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फ्लोटिंग इंट्रेस्ट रेट पर लिए गए होम लोन्स पर प्रीपेमेंट पेनल्टी नहीं वसूलने का सभी बैंकों को निर्देश दिया है। फिक्स्ड रेट होम लोन्स के लिए फ्लैट रेट पर प्रीपेमेंट पेनल्टी ली जाती है जो पहले अदा की जाने वाली राशि का 2 फीसदी तक होती है।