सरकार ने अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 70 बीपीएस तक की बढ़ोतरी कर दी है। वित्त मंत्रालय ने यह घोषणा 31 मार्चए 2023 को जारी एक परिपत्र के माध्यम से की है।आपको बता दें कि एक प्रतिशत अंक 100 आधार अंकों के बराबर है। सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, मासिक आय बचत योजना, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, किसान विकास पत्र, सभी पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि खाता पर मिलने वाली ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है। हालांकि, सार्वजनिक भविष्य निधि यानी पीपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पीपीएफ पर 7.1 फीसदी की दर से ही ब्याज मिलेगा।
सुकन्या समृद्धि के लिये ब्याज 7.6% से बढ़ाकर 8 प्रतिशत किया गया
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में यह कहा। हालांकि लोकप्रिय जमा योजना पीपीएफ और बैंकों में बचत जमा पर ब्याज दरें अप्रैल-जून तिमाही के लिये क्रमश: 7.1 प्रतिशत और चार प्रतिशत पर बरकरार रखी गयी हैं। अन्य बचत योजनाओं में ब्याज दरों में 0.1 प्रतिशत से 0.7 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। ब्याज में सबसे ज्यादा वृद्धि राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) में की गयी है। इसपर एक अप्रैल से 30 जून, 2023 के लिये अब 7.7 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो अबतक 7.0 प्रतिशत था। बालिकाओं के लिये बचत योजना सुकन्या समृद्धि के लिये ब्याज 7.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत किया गया है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिये ब्याज दर 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.2 प्रतिशत और और किसान विकास पत्र (केवीपी) के लिये 7.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत किया गया है। किसान विकास पत्र अब 120 महीनों के बजाए 115 महीनों में परिपक्व होगा। पिछली तिमाही में भी ब्याज दर बढ़ायी गयी थी। लघु बचत योजनाओं के लिये ब्याज दरें में हर तिमाही संशोधित किये जाते हैं। इस संशोधन के साथ डाक घर में एक साल के लिये जमा पर ब्याज 6.8 प्रतिशत (अबतक 6.6 प्रतिशत), दो साल के लिये 6.9 प्रतिशत (अबतक 6.8 प्रतिशत), तीन साल के लिये सात प्रतिशत (अबतक 6.9 प्रतिशत) और पांच साल के लिये 7.5 प्रतिशत (अबतक सात प्रतिशत) हो गया है। लोक भविष्य निधि पर ब्याज 7.1 प्रतिशत और बचत जमा पर चार प्रतिशत बरकरार रखा गया है। मासिक आय योजना पर ब्याज 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से नीतिगत दर यानी रेपो 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी है। इसके साथ जमा पर भी ब्याज दरें बढ़ी हैं।
ब्याज दरें कैसे की जाती है निर्धारित
छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की समीक्षा सरकार द्वारा हर तिमाही में की जाती है। छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर निकालने का फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ कमेटी ने दिया था। समिति ने सुझाव दिया था कि विभिन्न योजनाओं की ब्याज दरें समान परिपक्वता वाले सरकारी बांडों के प्रतिफल से 25 से 100 बीपीएस अधिक होनी चाहिए।