
सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) खाताधारकों के लिए एक लेटेस्ट अपडेट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) खातों के लिए नामांकित व्यक्तियों (नॉमिनी) के अपडेशन या जोड़ने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सरकार ने नोटिफिकेशन के जरिये आवश्यक बदलाव किए हैं। वित्त मंत्री ने एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि हाल ही में, यह बताया गया कि पीपीएफ खातों में नामांकित विवरण को अपडेट/संशोधित करने के लिए वित्तीय संस्थानों द्वारा शुल्क लगाया जा रहा था।
पहले 50 रुपये देना होता था
खबर के मुताबिक, निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीपीएफ खातों के लिए नामांकित व्यक्तियों के अपडेशन पर किसी भी शुल्क को हटाने के लिए 2 अप्रैल, 2025 की राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से सरकारी बचत संवर्धन सामान्य नियम 2018 में अब आवश्यक बदलाव किए गए हैं। राजपत्र अधिसूचना ने सरकार द्वारा संचालित लघु बचत योजनाओं के लिए नामांकन रद्द करने या बदलने के लिए 50 रुपये का शुल्क खत्म कर दिया है।
4 व्यक्तियों तक के नामांकन की अनुमति
वित्त मंत्री ने कहा कि हाल ही में पारित बैंकिंग संशोधन विधेयक 2025 जमाकर्ताओं के पैसे, सुरक्षित अभिरक्षा में रखे गए सामान और सुरक्षा लॉकर के भुगतान के लिए 4 व्यक्तियों तक के नामांकन की अनुमति देता है। विधेयक में एक और बदलाव बैंक में किसी व्यक्ति के 'पर्याप्त हित' शब्द को फिर से परिभाषित करने से संबंधित है। इस सीमा को मौजूदा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करने की मांग की गई है, जो लगभग छह दशक पहले तय की गई थी।
इस कानून में सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) के कार्यकाल को 8 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष करने की भी मांग की गई है, ताकि संविधान (97वां संशोधन) अधिनियम, 2011 के साथ तालमेल बिठाया जा सके।