एक घर हो अपना, हर किसी का होता है एक सपना। इस त्योहार अगर आपकी भी घर खरीदने की प्लानिंग है लेकिन फंड की कमी है तो आप होम लोन (home loan) पर विचार कर सकते हैं। होम लोन आपके सपने को पूरा करने में मदद करेगा। भारत सरकार की कुछ चुनिंदा स्कीम्स (home loan subsidy schemes) और सब्सिडी ऐसी है जो घर खरीदार को घर खरीदने में मदद करती हैं। लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, भारत सरकार ने फेस्टिवल सीजन (Festival 2023) के दौरान होम लोन पर बचत करने में मदद के लिए कई स्कीम्स और सब्सिडी की शुरुआत की हैं। आइए इन पर हम यहां चर्चा कर लेते हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना, भारत सरकार की एक खास स्कीम (Pradhan Mantri Awas Yojana) है जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय समूहों (एलआईजी) और मध्यम आय समूहों (एमआईजी) के लोगों के लिए होम लोन पर ब्याज सब्सिडी मिलती है। यह सब्सिडी अमाउंट हालांकि इनकम ग्रुप के आधार पर अलग-अलग होती है। यह लोन अमाउइंट का 6.5% तक हो सकती है। इसके तहत 50 लाख रुपये से कम का होम लोन जो 20 सालों के लिए लिया गया है, प्रस्तावित स्कीम के लिए योग्य होगा।
क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस)
यह स्कीम (CLSS) प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) का ही एक कम्पोनेंट है और ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी के लिए होम लोन पर ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराता है। सब्सिडी अमाउंट लोन राशि का 6.5% तक हो सकती है और अधिकतम 20 सालों के लिए उपलब्ध है।
स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन में छूट
कई राज्य सरकारें फेस्टिवल सीजन के दौरान स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क पर छूट (Exemption in stamp duty and registration Fee) की पेशकश करती हैं।
जीएसटी में कटौती
सरकार ने सस्ते घरों के लिए निर्माणाधीन संपत्तियों पर जीएसटी (GST) को 12% से घटाकर 5% और दूसरी संपत्तियों के लिए 18% से घटाकर 5% कर दिया है। इससे प्रॉपर्टी की कुल लागत और होम लोन की राशि को कम करने में मदद मिल सकती है।
छोटे शहरी आवास के लिए ब्याज सब्सिडी स्कीम
लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, भारत सरकार अगले पांच सालों में छोटे शहरी आवास के लिए सब्सिडी वाले लोन प्रदान करने के लिए 600 अरब रुपये खर्च करने पर विचार कर रही है। यह योजना 9 लाख रुपये तक की लोन अमाउंट पर 3-6.5% के बीच सालाना ब्याज सब्सिडी की पेशकश करेगी। इस योजना से शहरी क्षेत्रों में कम इनकम वाले समूहों में 25 लाख लोन एप्लीकेंट्स को फायदा हो सकता है। हालांकि सब्सिडी वाले लोन की मात्रा ऐसे घरों की मांग पर निर्भर करेगी। आखिर में एक बात समझ लें कि इन स्कीम्स की उपलब्धता और क्राइटेरिया, स्थान और दूसरे फैक्टर्स के आधार पर अलग भी हो सकते हैं। ऐसे में किसी भी योजना का फायदा उठाने से पहले अधिकारियों से जांच करना या वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।