EPF, VPF and PPF: आज के समय में पढ़ाई खत्म करने के बाद लगभग व्यक्ति जॉब करने लग जाते हैं। कुछ लोग अपना बिजनेस भी शुरू कर देते हैं, लेकिन दोनों स्थितियों में लोग बेहतर भविष्य के लिए निवेश के विकल्पों की तलाश करना नहीं छोड़ते। अगर आप भी ऐसी कोशिश में हैं तो ये खबर आपके लिए है। इन दिनों निवेश की दुनिया में EPF, VPF और PPF काफी ट्रेंड कर रहे हैं। आज हम इन तीनों के बारे में डिटेल में जानेंगे। बता दें कि ये सभी टैक्स सेविंग निवेश ऑप्शन हैं। ये तीनों योजनाएं काफी जरूरी होती हैं। इनमें से दो पर एक तय समयानुसार टैक्स लगता है, जबकि एक में निवेश करने पर टैक्स छूट मिलती है। EPF और VPF सैलरीड पर्सन के लिए इन्वेस्ट करने का बेस्ट विकल्प माना जाता है। पीपीएफ में कोई भी निवेश कर सकता है। इसकी निकासी में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, जबकि ईपीएफ और वीपीएफ निकासी पांच साल की निरंतर सेवा के बाद टैक्स फ्री हो जाती है।
क्या होता है EPF?
ईपीएफ एक अनिवार्य सेवानिवृत्ति बचत योजना है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं। यह टैक्स लाभ और टैक्स फ्री ब्याज के तहत आय प्रदान करता है। ईपीएफ उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है जो किसी कंपनी में जॉब कर रहे हैं और सेवानिवृत्ति-केंद्रित बचत विकल्प की तलाश कर रहे हैं। हालांकि, अंशदान राशि कर्मचारी के वेतन ढांचे द्वारा तय और निर्धारित की जाती है।
VPF क्या होता है?
VPF यानी वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड यह EPF का एक विस्तार है, जिससे कर्मचारी स्वेच्छा से अपने EPF खाते में अधिक राशि का योगदान कर सकते हैं। जब कोई कर्मचारी EPF में 12 प्रतिशत से ज्यादा पीएफ जमा करवाता है तो वो सीधे वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) में अपना पैसा डालता है। कर्मचारी चाहे तो अपनी बेसिक सैलरी का 100 प्रतिशत भी यहां जमा करवा सकता है। इससे कर्मचारी को वीपीएफ में जमा होने वाले पैसे पर ब्याज मिलता है। हालांकि इसमें एम्पलॉयर का कॉन्ट्रिब्यूशन 12 प्रतिशत पर ही सीमित रहता है। VPF में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।
पीपीएफ क्या होता है?
पीपीएफ यानि पब्लिक प्रोविडेंट फंड, जो एक दीर्घकालिक बचत योजना है जो कर्मचारियों और सेल्फ एंप्लॉयड व्यक्तियों दोनों के लिए उपलब्ध है। यह योगदान पर टैक्स कटौती, टैक्स मुक्त ब्याज से आय और टैक्स-मुक्त मैच्योरिटी राशि प्रदान करता है। पीपीएफ में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है, लेकिन एक विशिष्ट अवधि के बाद आंशिक निकासी और ऋण की अनुमति होती है। पीपीएफ आंशिक निकासी के लचीलेपन के साथ लंबी अवधि की बचत की तलाश करने वाले व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है। इसपर सरकार के तरफ से 7.1% का ब्याज दर मिलता है।