हाल के दिनों में पर्सनल लोन लेने वालों की संख्या तेजी बढ़ी है। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सख्ती के बाद बहुत सारे बैंक पर्सनल लोन देने में आनकानी कर रहे हैं। जो बैंक दे रहे हैं, वे सिर्फ अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले कस्टमर को ही चुन रहे हैं। अच्छे क्रेडिट स्कोर से मतलब है कि जिनका सिबिल स्कोर 750 से अधिक है, उसे ही बैंक लोन दे रहे हैं। ऐसे में अगर आपका सिबिल स्कोर 620 से नीचे हैं तो बैंक लोन देने से मना कर रहे हैं। अगर आप भी लो क्रेडिट स्कोर से जूझ रहे हैं और बैंक लोन देने से मना कर रहे हैं तो आप 'सबप्राइम' पर्सनल लोन का रुख कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि यह किस टाइप का पर्सनल लोन हैं और बैंक कैसे खराब क्रेडिट स्कोर पर भी आपको दे देंगे।
रीपेमेंट कैपेसिटी को प्राथमिकता देते हैं बैंक
बहुत सारे बैंक बदलते दौर में क्रेडिट स्कोर की जगह लोन लेने वाले की रीपेमेंट कैपेसिटी को देख कर लोन दे रहे हैं। यह तरीका ट्रैडिशनल लेंडिंग से अलग है, जिसमें लोन सेक्शन मुख्य रूप से क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करता है। 'सबप्राइम' पर्सनल लोन बैंक इन बातों को ध्यान में रखकर देते हैं।
आय और रोजगार का ट्रैक रिकॉर्ड: 'सबप्राइम' पर्सनल लोन में बैंक क्रेडिट स्कोर नहीं चेक करते हैं। वह यह सुनिश्चित करते हैं आपकी आय और रोजगार का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा रहा है। अगर वे संतुष्ट होते हैं तो क्रेडिट स्कोर खराब होने पर भी लोन दे देते हैं।
ऋण-से-आय अनुपात: आपके कुल ऋण की तुलना ऋण-से-आय (Debt-to-income ratio) अनुपात का उपयोग करके आपकी आय से की जाती है। उच्च अनुपात बताता है कि आपको नए लोन चुकाने में मुश्किल हो सकती हैं।
डाउन पेमेंट या गिरबी: अगर आप कुछ गिरबी या डाउन पेमेंट करने में सक्षम हैं तो बैंक लोन देने से नहीं हिचकते हैं।
सबप्राइम लोन क्रेडिट स्कोर पर असर डालता है?
यह इस पर निर्भर करते हुए कि आप सबप्राइम लोन कितनी अच्छी तरह चुकाते हैं। अगर आप सबप्राइम लोन को नियमित रूप से समय पर अपना भुगतान करते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ेगा। वहीं अगर आप भुगतान चूक जाते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर काफी और खराब हो जाएगा।
सबप्राइम लोन के लिए आवदेन कैसे करें?
सबप्राइम पर्सनल लोन का आवेदन भी दूसरे अन्य ऋण आवेदनों के की तरह होता है। आप उस बैंक का चयन करें जो सबप्राइम पर्सनल लोन देता हो। फिर अपनी आवश्यकताओं के आधार पर सर्वोत्तम ऋण शर्तों की पेशकश करने वाले बैंक का चयन करें। ऋण के लिए मूल शुल्क को ध्यान में रखते हुए, कीमतों और ब्याज दरों की जांच करें। फीस शामिल होने पर थोड़ा कम एपीआर भी लागत में वृद्धि कर सकता है। ऐसा ऋण चुनें जो आपकी व्यय योजना में फिट बैठता हो।