दिवाली (Diwali) का मौका होगा और आपको हो सकता है कहीं न कहीं से कुछ शानदार गिफ्ट मिल जाएं। जाहिर है जब गिफ्ट मिलेगा तो आप बेहद खुश होंगे। लेकिन यहां एक बात समझ लीजिए कि कुछ ऐसे गिफ्ट भी होंगे जिसपर आपको टैक्स भी चुकाना पड़ सकता है। जी हां, इनकम टैक्स (income tax) के नियम (tax rules on gift) इन पर लागू हो सकते हैं। Clear Tax के मुताबिक, इनकम टैक्स कानून में कहा गया है कि गिफ्ट (Diwali gifts) यानी उपहार धन या चल/अचल संपत्ति हो सकती है जो एक व्यक्ति बिना पेमेंट किए किसी दूसरे व्यक्ति या संगठन से हासिल करता है। कानूनी शब्दों में, उपहार देने वाले व्यक्ति या संगठन को दाता नामित किया जाता है जबकि उपहार पाने वाले को दानकर्ता के रूप में जाना जाता है।
इन तरह के गिफ्ट आते हैं दायरे में
किसी गैर-रिश्तेदार से हासिल गिफ्ट, जिसका मूल्य 50,000 रुपये से ज्यादा है, टैक्सेशन (tax rules on gift) के दायरे में आते हैं। इन तरह के गिफ्ट में शेयर और सिक्योरिटीज, जूलरी, पुरातत्व संग्रह, फोटो, मूर्तियों, आर्ट का कोई भी कार्य और सर्राफा भी शामिल हो सकते हैं।
रिलेटिव से मिला गिफ्ट
टैक्स (Tax) से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि रिश्तेदारों से मिले दिवाली गिफ्ट (Diwali gifts) पर आयकर अधिनियम (आईटीए) के तहत पूरी तरह छूट मिलती है। लेकिन रिश्तेदार के अलावा किसी दूसरे व्यक्ति से मिले 50,000 रुपये से अधिक का कोई भी गिफ्ट या उपहार अन्य स्रोतों से आय के तहत टैक्स के लायक होगा। नियमों के मुताबिक, व्यक्ति का जीवनसाथी, व्यक्ति का भाई या बहन, व्यक्ति के पति/पत्नी का भाई या बहन व्यक्ति के माता-पिता में से किसी एक का भाई या बहन, व्यक्ति का कोई भी वंशज, व्यक्ति के पति/पत्नी का कोई वंशज आदि इसमें शामिल हैं।
इन विशेष मौके पर मिले गिफ्ट पर भी टैक्स नहीं
अगर मौका शादी का हो, वसीयत के अनुसार हो, उत्तराधिकार के जरिये या भुगतानकर्ता की मृत्यु के विचार से, स्थानीय प्रशासन से मिला उपहार, धारा 10(23) के तहत किसी शैक्षणिक संस्थान से मिला उपहार और धर्मार्थ संस्था से मिले गिफ्ट पर भी इनकम टैक्स (tax rules on gift) नहीं देना होता है।