Friday, December 20, 2024
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Mutual Funds में जोखिम की ऐसे कर सकते हैं पहचान, निवेश से पहले समझ लें फायदे में रहेंगे

म्यूचुअल फंड के जोखिम के पीछे कई फैक्टर होते हैं। इनमें अर्थव्यवस्था में बदलाव, ब्याज दरें, भू-राजनीतिक स्थिति, कंपनी प्रबंधन आदि, सभी म्यूचुअल फंड के जोखिम में योगदान करते हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Dec 20, 2024 6:00 IST, Updated : Dec 20, 2024 6:33 IST
मानक विचलन (स्टैंडर्ड डेविएशन) किसी फंड की औसत रिटर्न के इर्द-गिर्द अस्थिरता को मापने में मदद करता ह
Photo:PTI मानक विचलन (स्टैंडर्ड डेविएशन) किसी फंड की औसत रिटर्न के इर्द-गिर्द अस्थिरता को मापने में मदद करता है।

परंपरागत निवेश से हटकर जब ज्यादा रिटर्न वाले निवेश विकल्प की बात होती है तो म्यूचुअल फंड की बात जरूर होती है। क्योंकि म्यूचुअल फंड में निवेश मार्केट जोखिमों से जुड़ा है तो निवेश से पहले किसी फंड से जुड़े जोखिमों को समझना जरूरी है। म्यूचुअल फंड निवेश में कुछ जोखिम होते हैं। म्यूचुअल फंड में शामिल जोखिम फंड के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। एक निवेशक के रूप में, आपके लिए म्यूचुअल फंड निवेश में जोखिमों के बारे में जानना अहम है। ऐसे कई तरीके हैं जिनके माध्यम से आप उन्हें माप सकते हैं।

म्यूचुअल फंड जोखिम को मापने में आपकी मदद करने के लिए महत्वपूर्ण मीट्रिक

म्यूचुअल फंड के जोखिम के पीछे कई फैक्टर होते हैं। इनमें अर्थव्यवस्था में बदलाव, ब्याज दरें, भू-राजनीतिक स्थिति, कंपनी प्रबंधन आदि, सभी म्यूचुअल फंड के जोखिम में योगदान करते हैं। फंड का एनालिसिस और चुनाव करते समय यह जोखिम मापने योग्य है। इसके कुछ तरीके हैं।

बीटा

कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक, बीटा किसी फंड की बेंचमार्क के मुकाबले उसकी सापेक्ष अस्थिरता को मापने में मदद करता है। यह बताता है कि किसी फंड के मूल्य में व्यापक उतार-चढ़ाव का अनुभव करने की कितनी संभावना है। हमेशा 1 के बेंचमार्क पर, अगर किसी फंड का बीटा 1 से कम है, तो यह बेंचमार्क के प्रति कम संवेदनशील है। दूसरी तरफ, अगर यह 1 से ज़्यादा है, तो यह ज्यादा संवेदनशीलता को दर्शाता है। अगर किसी फंड का बीटा 1 है, तो यह बेंचमार्क या बाजार के हिसाब से आगे बढ़ने की संभावना है। अगर आपका नजरिया रुढ़िवादी है, तो आप कम बीटा वाले फंड को चुन सकते हैं और इसके विपरीत भी।

आर-स्क्वायर

आर-स्क्वायर 100 के पैमाने पर किसी फंड के बेंचमार्क परफॉर्मेंस के साथ उसके कोरिलेशन (सहसंबंध) को मापने में मदद करता है। किसी फंड का आर-स्क्वायर मूल्य ओवरऑल मार्केट के सापेक्ष उसके प्रदर्शन का अंदाजा देता है। उच्च मूल्य दर्शाता है कि फंड का परफॉर्मेंस बेंचमार्क इंडेक्स के करीब है। आप इसका इस्तेमाल किसी फंड को चुनने के लिए कर सकते हैं।

मानक विचलन यानी स्टैंडर्ड डेविएशन

मानक विचलन (स्टैंडर्ड डेविएशन) किसी फंड की औसत रिटर्न के इर्द-गिर्द अस्थिरता को मापने में मदद करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह दर्शाता है कि किसी फंड का रिटर्न औसत रिटर्न से कितना अलग हो सकता है। कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक, मान लीजिए कि किसी फंड का औसत सालाना रिटर्न 13% है और स्टैंडर्ड डेविएशन (मानक विचलन) 2% है। यानी फंड का रिटर्न किसी भी तरफ + या -2% विचलित हो सकता है और 11% से 15% तक हो सकता है। मानक विचलन जितना अधिक होगा, अस्थिरता उतनी ही अधिक होगी।

शार्प रेशियो

शार्प रेशियो आपको यह समझने में मदद करता है कि किसी फंड का रिटर्न फंड मैनेजर के विवेकपूर्ण निवेश फैसलों के कारण है या अत्यधिक जोखिम का नतीजा है। यह रेशियो कई फंडों की तुलना करते समय मददगार होता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन सा फंड बेहतर रिस्क को समायोजित रिटर्न दे रहा है। यह रेशियो फंड के जोखिम-फ्री रिटर्न को उसके रिटर्न से घटाकर और रिजल्ट को मानक विचलन से विभाजित करके हासिल किया जाता है।

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