आप डेबिट कार्ड भी इस्तेमाल करते हैं और क्रेडिट कार्ड भी। जैसा कि आप जानते हैं कि डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड जैसे पेमेंट कार्ड बैंक अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराते हैं ताकि वे विशेष प्रकार के ट्रांजैक्शन कर सकें। लेकिन इसके बावजूद इन दोनों में बेसिक फर्क क्या है, इसे समझने की कोशिश की है? अगर आप इन कार्ड के नए यूजर बने हैं तो आपको इसे जरूर जान लेना चाहिए।
खर्च करने की लिमिट
डेबिट कार्ड में धनराशि आपके बचत खाते या चालू खाते से काट ली जाती है, जबकि क्रेडिट कार्ड में आपके कार्ड जारीकर्ता से उधार के जरिये धनराशि डेबिट की जाती है। डेबिट कार्ड में आप सिर्फ अपने बैंक अकाउंट में उपलब्ध बैलेंस राशि तक ही खर्च कर सकते हैं, जबकि क्रेडिट कार्ड में आप अपने कार्ड का इ्स्तेमाल आपको दी गई क्रेडिट लिमिट के भीतर कर सकते हैं। डेबिट कार्ड आमतौर पर आपकी सैलरी अकाउंट, करेंट या सेविंग अकाउंट के साथ प्रदान किए जाते हैं, जबकि क्रेडिट कार्ड में किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान से क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करना संभव है, भले ही आपके पास उनके पास कोई बैंक खाता न हो।
कैशबैक और ईएमआई सुविधा
डेबिट कार्ड में लिमिटेड रिवॉर्ड और कैशबैक के बेनिफिट्स मिलते हैं, जबकि क्रेडिट कार्ड ज्यादा व्यापक रिवॉर्ड और कैशबैक बेनिफिट प्रदान करते हैं। इसके अलावा, डेबिट कार्ड में ईएमआई सुविधा की उपलब्धता विक्रेता और बैंक के बीच समझौते पर निर्भर करती है, जबकि क्रेडिट कार्ड आम तौर पर 2500 रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए ईएमआई सुविधा प्रदान करते हैं। बैंक बाजार के मुताबिक, डेबिट कार्ड का उपयोग आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित नहीं करता है, जबकि क्रेडिट कार्ड का इल्तेमाल सीधे आपके क्रेडिट स्कोर को असर डालता है।
सालाना मेंटेनेंस चार्ज
एटीएम/डेबिट कार्ड हाई कैश विड्रॉ की लिमिट उपलब्ध कराते हैं, जबकि क्रेडिट कार्ड अतिरिक्त लाभ प्रदान करते हैं जैसे लाउंज एक्सेस और खोए हुए कार्ड के खिलाफ सुरक्षा आदि उपलब्ध कराते हैं। डेबिट कार्ड का सालाना मेंटेनेंस चार्ज 100 से 500 रुपये तक है, जबकि क्रेडिट कार्ड में सालाना खर्च यानी मेंबरशिप चार्ज आमतौर पर 500 रुपये से ज्यादा होती है।