संगठित क्षेत्र में किसी भी कंपनी को अपने कर्माचारियों के काटे गए पीएफ को हर महीने ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पास जमा करना होता है। पीएफ सभी कर्मचारियों के लिए काफी जरूरी होता है। इसमें कर्मचारी को पेंशन के समय दिया जाने वाला पैसा एकत्रित होता है, जिस पर सरकार की ओर से ब्याज भी दिया जाता है। कई बार देखा जाता है कुछ कंपनियों अपने कर्मचारियों का पीएफ तो काट लेती हैं लेकिन उसे कर्मचारियों को पीएफ अकाउंट में जमा नहीं करती हैं।
कंपनी ने नहीं जमा कराया पीएफ तो यहां करें शिकायत
अगर कोई कंपनी पीएफ समय पर नहीं जमा कराती है तो आप इसकी शिकायत सीधे ईपीएफओ के शिकायत पोर्टल epfigms.gov.in पर कर सकते हैं। ईपीएफओ के पीएफ न जमा करने को लेकर नियम काफी सख्त है और कंपनी अगर देरी करती है तो उसे जुर्माना देना होगा और उसके साथ बकाया पैसे पर ब्याज का भी भुगतान करना होगा। शिकायत दर्ज कराते समय आपको पीएफ अकाउंट की डिटेल के साथ सैलरी स्लिप और पीएफ स्टेटमेंट आदि जमा करना होगा।
पीएफ नहीं जमा करने पर कंपनी पर कितना लगता है जुर्माना
ईपीएफओ की ओर से आधिकारिक एक्स हैंडल पर की गई पोस्ट के अनुसार, अगर कोई नियोक्ता कर्मचारियों के पीएफ में डिफॉल्ट करता है तो उसे बकाए पर धारा 14 बी के तहत डैमेज और धारा 7क्यू के अनुसार ब्याज का भुगतान करना होगा।
अगर नियोक्ता दो महीने से कम का डिफॉल्ट करता है तो उसे 5 प्रतिशत का डैमेज, दो से चार महीने पर 10 प्रतिशत, चार से छह महीने पर 15 प्रतिशत और छह महीने से अधिक पर 25 प्रतिशत के डैमेज का भुगतान करना होगा। डैमेज बकाया का 100 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है। डैमेज के अलावा नियोक्ता को बकाया पर 12 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज का भुगतान करना होगा।