म्यूचुअल फंड में निवेश करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है, क्योंकि इसमें आपको परंपरागत निवेश विकल्पों के मुकाबले बेहतर और अनलिमिटेड रिटर्न भी हासिल हो सकता है। यही वजह है कि अनिवासी भारतीय यानी एनआरआई भी इसमें निवेश की इच्छा रखते हैं। लेकिन क्या एनआरआई भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं? इसका जवाब है, हां। लेकिन इसकी कुछ शर्ते और नियम हैं। अनिवासी भारतीय (NRI) भारतीय नागरिक हैं जो एक वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से कम समय के लिए भारत में रहते हैं।
निवेश कर सकते हैं लेकिन
एनआरआई भारतीय म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं अगर वे विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का अनुपालन करते हैं। फेमा कानूनों के मुताबिक, एनआरआई अपने फंड को नियमित बचत खातों में नहीं रख सकते हैं। कई एएमसी एनआरआई के लिए हाइब्रिड, इक्विटी और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में निवेश के विकल्प प्रदान करते हैं। टाटा कैपिटल के मुताबिक, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत में कई एएमसी और फंड हाउस कनाडा और अमेरिका के एनआरआई को भारतीय म्यूचुअल फंड में निवेश करने की अनुमति नहीं देते हैं। यह विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (FACTA) के तहत अनुपालन जरूरतों के कारण है।
निवेश करने के कई तरीके
निवेश करने के कई तरीके हैं, जैसे ऑनलाइन या पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से। हालांकि, कई एएमसी विदेशी मुद्राओं में निवेश की अनुमति नहीं देते हैं। इस कारण से, उन्हें निम्न में से कोई एक खाता खोलना होगा। एक है-अनिवासी बाहरी (एनआरई) खाता। एक एनआरई खाता एनआरआई को अपनी विदेशी आय को भारतीय म्यूचुअल फंड में निवेश करने में मदद करता है। दूसरा है- अनिवासी साधारण (एनआरओ)- एनआरओ खाते एनआरआई के नाम से भारतीय बैंकों में खोले जाते हैं। टाटा कैपिटल के मुताबिक, बैंक एनआरआई द्वारा की गई किसी भी भारतीय आय का प्रबंधन करता है। एनआरओ या एनआरई खाता खोलने के बाद, एनआरआई निम्न तरीकों का उपयोग करके भारतीय म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
इस तरह कर सकते हैं निवेश
एक तो, एनआरआई अपने एनआरई या एनआरओ खातों के माध्यम से नियमित बैंकिंग चैनलों का उपयोग करके भारत में म्यूचुअल फंड में सीधे निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए, उन्हें आवश्यक केवाईसी दस्तावेज, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, पासपोर्ट और विदेशी निवास का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
दूसरा, एनआरआई के लिए म्यूचुअल फंड निवेश पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) के जरिये भी किया जा सकता है। एक क्रेडिटेड एएमसी पीओए को केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के बाद एनआरआई की ओर से निवेश करने की अनुमति देता है, और निवेशक और पीओए को भारतीय म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए केवाईसी कागजात पर सिग्नेचर करना चाहिए।
ये डॉक्यूमेंट होंगे देने
पासपोर्ट, फोटो, पते का प्रमाण, पैन कार्ड, एनआरई या एनआरओ खाते से रद्द किया गया चेक, प्रमाणित विदेशी पते का प्रमाण (जैसे कि लेटेस्ट यूटिलिटी बिल, आवासीय परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, और अन्य), भारतीय पते का प्रमाण (जैसे कि बैंक स्टेटमेंट, आधार कार्ड, या ड्राइविंग लाइसेंस) आदि।