फिक्स्ड डिपोजिट यानी एफडी को भारत में परंपरागत निवेश का बेहतर साधन माना जाता रहा है। इसमें लोग इसलिए भी निवेश करते हैं क्योंकि तय रिटर्न मिलता है और निवेश की सुरक्षा भी पक्की रहती है। लेकिन ऐसा देखा जाता है कि कई निवेशक बिना वजह भी कई बार अपनी फिक्स्ड डिपोजिट को मेच्योरिटी से पहले ही तोड़ लेते हैं। जानकारों का मानना है कि असल में यह कोई बु्द्धिमानी भरा फैसला नहीं है। ऐसा करना कुछ मामलों में उल्टा भी पड़ सकता है। एफडी को पहले ही तोड़ने के बदले कुछ तरीके अपनाकर भी आप निवेश में बने रह सकते हैं, जिसका फायदा आपको ही मिलना है।
फिक्स्ड डिपोजिट अकाउंट
फिक्स्ड डिपोजिट निवेश करने के लिए सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक है। एक एफडी अकाउंट कोई भी भारतीय नागरिक खोल सकता है। इनमें वरिष्ठ नागरिक और यहां तक कि अनिवासी भारतीय यानी एनआरआई भी अकाउंट ओपन करा सकते हैं। बैंकों की तरफ से एफडी स्कीम की सुविधा दी जाती है, जिसमें कोई व्यक्ति एक निश्चित अवधि में एकमुश्त राशि का योगदान कर सकता है और एक निश्चित ब्याज दर अर्जित कर सकता है। जो व्यक्ति एफडी में निवेश करते हैं, उन्हें एफडी मेच्योर होने पर गारंटीशुदा रिटर्न मिलना अनिवार्य है।
फिक्स्ड डिपोजिट तोड़ना क्यों नहीं है सही फैसला
फिक्स्ड डिपोजिट को समय से पहले तोड़ना इसलिए सही नहीं है क्योंकि, अगर आप कार्यकाल से पहले एफडी राशि को निकालते हैं तो बैंकों द्वारा लगाए गए जुर्माने के चलते आपको अपना पैसों का नुकसान होना तय है। ऐसा देखा गया है कि ज्यादातर जमा राशि का एक प्रतिशत जुर्माना भरना होता है। हालांकि यह अलग-अलग बैंकों के मुताबिक भिन्न हो सकता है। Groww के मुताबिक, हां, अगर आप अपनी एफडी को दूसरे निवेश विकल्पों के साथ बदलने को लेकर आश्वस्त हैं, तभी या आपात स्थिति में एफडी तोड़ना उचित होगा। अन्यथा, ऐसा करना अच्छा विचार नहीं है।
इसके बजाय आप क्या कर सकते हैं?
अपने तात्कालिक खर्च या जरूरतों को मैनेज करने के लिए आप अपनी एफडी को तोड़े बिना कुछ दूसरे वैकल्पिक ऑप्शन तलाश सकते हैं। एफडी में निवेश करने का एक उपयुक्त तरीका मूल राशि को छोटे भागों में विभाजित करना और उन्हें अलग-अलग सावधि जमा में निवेश करना हो सकता है। यह सारा पैसा एक ही सावधि जमा में निवेश करने से कहीं बेहतर है। यानी आप एक ही एफडी पर निर्भर नहीं हैं और किसी भी इमरजेंसी में छोटी एफडी से पैसा निकाल सकते हैं। बाकी रकम दूसरी एफडी में सुरक्षित रहती है।
इसके अलावा, अगर आप अपनी एफडी खाते पर लोन लेते हैं तो अल्पकालिक तरलता बढ़ाई जा सकती है। आप अपनी FD राशि का अधिकतम 90 प्रतिशत लोन ले सकते हैं। ज्यादातर मामलों में, इस लोन के लिए ब्याज दर किसी भी दूसरे रेगुलर लोन के मुकाबले में बहुत कम है। आप एफडी के बदले क्रेडिट कार्ड का ऑप्शन चुन सकते हैं। कुछ बैंकों के पास उत्पादक क्रेडिट कार्ड ऑप्शन है, जिन्हें आप रुपये की न्यूनतम सावधि जमा के बदले चुन सकते हैं।