भारत में बचत करने की आदत को हमेशा से प्रोत्साहित किया जाता रहा है। अपनी कमाई में से बचत करना जरूरी भी है। भारत में, महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना पसंद कर रही हैं। अगर आप कामकाजी महिला हैं या नौकरी करती हैं तो आप भी बाकी जिम्मेदारियों के साथ-साथ पैसों की बचत तमाम निवेश विकल्पों के जरिये कर सकती हैं। अभी से की गई लगातार बचत से भविष्य में आपके लिए एक बड़ा फंड तैयार करना बेहद आसान हो जाएगा, ताकि आप अपनी जिम्मेदारियों, जरूरतों को पूरा कर सकें। यहां हम कुछ ऐसी ही बचत योजनाओं पर चर्चा करते हैं जो महिलाओं के लिए भी शानदार हैं।
महिला सम्मान बचत पत्र
भारत सरकार की स्कीम महिलाओं को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है। इस स्कीम में भी आप पैसे निवेश कर सकती हैं। इस स्कीम में आप दो साल के लिए कम से कम 1000 रुपये से लेकर मैक्सिमम 2 लाख रुपये तक निवेश कर सकती हैं। आपको इसके बदले 7.5 प्रतिशत सालाना ब्याज दर ऑफर किया जाएगा। आप पोस्ट ऑफिस या बैंक में इस स्कीम में अपना अकाउंट ओपन करा सकती हैं। इसमें ब्याज तिमाही आधार पर कैलकुलेट किया जाता है और खाते में जमा किया जाएगा और खाता बंद होते समय पेमेंट कर दिया जाएगा।
पीपीएफ
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ। यह 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ एक निवेश की स्कीम है। इसमें आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का भी फायदा मिलेगा। इस स्कीम पर ब्याज दर सरकार ही तय करती है। फिलहाल पीपीएफ में निवेश करने पर 7.1 प्रतिशत सालाना ब्याज दर ऑफर किया जा रहा है। इस निवेश स्कीम में 500 रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक सालाना निवेश कर सकती हैं। पीपीएफ अकाउंट खोलने की तारीख से 5 साल पूरे होने के बाद आंशिक रूप से निकासी भी कर सकते हैं।
एनपीएस
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) रिटायरमेंट के लिए धन जमा करने में मदद करने के लिए भारत सरकार की एक मार्केट लिंक्ड बचत योजना है। एनपीएस योजना के तहत, किसी व्यक्ति की बचत को मिक्स पोर्टफोलियो में निवेश किया जाता है, जिसमें इक्विटी, सरकारी बॉन्ड, लिक्विड फंड, कॉर्पोरेट बॉन्ड और फिक्स्ड फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स शामिल होते हैं। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) एनपीएस को कंट्रोल करता है। आईसीआईसीआई बैंक के मुताबिक, यह योजना आपके निवेश निधि प्रबंधक, फंड विकल्प, वार्षिकी सेवा प्रदाता और वार्षिकी विकल्प को चुनने की सुविधा देती है। इस स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 6,000 रुपये निवेश करना होता है।
म्यूचुअल फंड
अगर आप मिडियम से हाई रिस्क उठाने की क्षमता रखती हैं तो म्यूचुअल फंड में निवेश के शानदार विकल्प है। आप अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर इक्विटी, डेट या हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकती हैं। अगर आप निवेश के मामले में नई हैं, तो आप सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी से शुरुआत कर सकती हैं, जो किफायती है और लंबी अवधि के निवेश के लिए अच्छा है। अगर आपके पास एक आक्रामक निवेशक हैं और आप अपना पैसा लगाने की इच्छुक हैं, तो आप इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में निवेश करने पर भी विचार कर सकती हैं। यह सेविंग स्कीम संपत्ति बनाने के साथ-साथ आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स बचाने में भी मदद करती है। यहां आपको बता दें, ईएलएसएस में 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है। अगर आप अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं, तो इस योजना में मैक्सिमम 5 से 7 साल के लिए निवेश करना सबसे अच्छा है।
लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस
खुद के नहीं होने की स्थिति में अपने प्रियजनों को सुरक्षित रखना और भी महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि आपको जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने से नहीं कतराना चाहिए, खासकर जब आपके बच्चे हों या परिवार में आश्रित सदस्य हों। आप जितनी जल्दी पॉलिसी खरीदेंगे, आपको प्रीमियम दर के मामले में उतना ही कम भुगतान करना होगा। आप बेहतर इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए वित्तीय सलाहकार से भी मदद ले सकती हैं। लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर आपको टैक्स छूट भी मिल सकती है।
इसी तरह, हेल्थ इंश्योरेंस भी आपके और आपके परिवार के सदस्यों के लिए जरूरी है। किसी भी मेडिकल इमरजेंसी में हेल्थ इंश्योरेंस बेहद काम आता है। आपको आर्थिक तौर पर इलाज के खर्च के लिए परेशान नहीं होना होता है। एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी आपके चिकित्सा खर्चों का ख्याल रखेगी, जिससे आपकी बचत बरकरार रहेगी। आप इसमें निवेश करती हैं तो आपको टैक्स की भी बचत होती है।