म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी,निवेशकों को म्यूचुअल फंड में एक निश्चित राशि निवेश करने की परमिशन देती है। इसमें महीने की एक तय तारीख को आपकी पसंद के म्यूचुअल फंड में एक तय राशि इन्वेस्ट करनी होती है। एसआईपी की राशि तो तय है लेकिन म्यूचुअल फंड इकाइयों का एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) हर रोज अलग हो सकता है। आइए एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदों को समझ लेते हैं।
रुपये की औसत लागत
एसआईपी आपको शेयर बाजार की परवाह किए बिना इक्विटी फंड में निवेश करने में मदद करता है। जब शेयर बाजार गिर रहा हो तो यह आपको ज्यादा इक्विटी फंड यूनिट खरीदने में मदद करता है और जब बाजार बढ़ता है तो कम यूनिट खरीदने में मदद करता है। आप समय के साथ इक्विटी फंड यूनिट्स की खरीद कीमत का औसत निकाल लेंगे, जिससे आपके निवेश पर अल्पकालिक बाजार के उतार-चढ़ाव का प्रभाव कम हो जाएगा।
कम्पाउंडिंग की शक्ति
एसआईपी के जरिये निवेश में कंपाउंडिंग की शक्ति आपको समय के साथ अपने रिटर्न को बढ़ाने में मदद करती है। यह मूल रूप से इक्विटी म्यूचुअल फंड से आपके रिटर्न पर रिटर्न है। क्लियरटैक्स के मुताबिक, मान लीजिए कि आप एक इक्विटी फंड में 100 रुपये का निवेश करते हैं जो आपको सालाना 10% का रिटर्न देता है। आप इक्विटी फंड से अपना लाभ नहीं निकालते हैं, जिसे प्रभावी रूप से म्यूचुअल फंड में रीइन्वेस्ट किया जाता है और आपका कुल फंड 110 रुपये है। अब आप इक्विटी फंड से जो रिटर्न कमाते हैं, वह 110 रुपये है, न कि 100 रुपये, जो आपके रिटर्न पर रिटर्न है।
निवेश करना है बेहज आसान
एसआईपी के जरिये इक्विटी फंड में निवेश करना समय के साथ पैसे बनाने का एक सुविधाजनक तरीका है। यह जेब के अनुकूल है क्योंकि आप प्रति एसआईपी किस्त में न्यूनतम 500 रुपये का निवेश कर सकते हैं। एसआईपी आपके बैंक को हर महीने तय राशि काटने के लिए स्थायी निर्देश देता है और यह राशि इक्विटी फंड में निवेश की जाती है।
एक अनुशासित निवेशक बनने में मददगार
म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के जरिये निवेश करने से आप अपने वित्तीय प्रबंधन के मामले में अनुशासित हो जाएंगे। स्वचालित भुगतान के विकल्प के साथ, आपको हर महीने मैन्युअल तरीके से निवेश करने की परेशानी से नहीं गुजरना पड़ेगा।
इमरजेंसी फंड के तौर पर करता है काम
एसआईपी के जरिये निवेश का एक खास फायदा यह है कि इसमें हर महीने जमा पैसे को जरूरत पड़ने पर आप इमरजेंसी फंड के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, किसी भी समय अपना एसआईपी बंद कर सकते हैं और इसमें फंड हाउस का कोई अधिकार नहीं है। आप अपने निवेश को किसी भी समय भुना सकते हैं (यदि कोई लॉक-इन अवधि नहीं है)।