म्यूचुअल फंड कई निवेशकों के संसाधनों को संयोजित करने और पूर्व निर्धारित गाइडलाइंस के मुताबिक निवेश लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिभूतियों में पैसा निवेश करने का एक तरीका है। निवेश का लक्ष्य अधिकतर निवेशक की जोखिम स्वीकार करने की तैयारी से निर्धारित होता है। अधिकांश निवेशकों के लिए अपने खुद के पैसे का प्रबंधन करना काफी चुनौतीपूर्ण है और विभिन्न कंपनियों का अध्ययन और विश्लेषण करने का कार्य उनकी चुनौतियों को और बढ़ा देता है। म्यूचुअल फंड निवेश आपको मामूली शुल्क पर एक पेशेवर फंड मैनेजर प्रदान करता है। आइए, जान लेते हैं कि आखिर इसमें निवेश के क्या फायदे मिलते हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदे
लिक्विडिटी
कोई भी व्यक्ति अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आसानी से म्यूचुअल फंड बेच सकता है। प्रोसेस होने पर पैसा कुछ दिनों में आपके बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है। ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स में यूनिट खरीदना आसान है और योजना से बाहर निकलना भी उतना ही आसान है। हालांकि, जब आप अपनी स्कीम की यूनिट्स बेचते हैं तो ज्यादातर फंड एक एक्जिट लोड लेते हैं।
एक्सपर्ट द्वारा होता है मैनज
भारत में बड़ी संख्या में निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड पसंदीदा निवेश विकल्प बनने का एक मुख्य कारण यह है कि उनका प्रबंधन मार्केट एक्सपर्ट द्वारा किया जाता है।
डाइवर्सिफिकेशन
बाजार की गतिविधियां म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन और उनसे जुड़े जोखिमों को निर्धारित करती हैं। यही वजह है कि निवेश आमतौर पर कई एसेट क्लास जैसे कि इक्विटी, मनी मार्केट सिक्योरिटीज, डेट इंस्ट्रूमेंट्स आदि में किया जाता है ताकि जोखिम बंट जाए।
वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करना
निवेशकों के पास अलग-अलग प्रकार के म्यूचुअल फंडों तक पहुंच है और इसलिए, वे ऐसी स्कीम खोज सकते हैं जो उनके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आदर्श हों, चाहे वह लंबी अवधि में हो या अल्पावधि में।
थोक खरीदारी के लिए कम लागत
आपके पास खरीदी गई म्यूचुअल फंड यूनिट्स की संख्या जितनी अधिक होगी, लागत उतनी ही कम होगी क्योंकि कमीशन शुल्क और प्रोसेसिंग फीस कम होगी।
एसआईपी एक बढ़िया विकल्प
म्यूचुअल फंड में एसआईपी निवेश का एक बढ़िया विकल्प है क्योंकि ज्यादातर लोगों के पास म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए एकमुश्त राशि नहीं होती है। अगर आप सैलरीड हैं, तो आप हर महीने एक निश्चित राशि अलग रख सकते हैं और उसे म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाएगा। एसआईपी आपको बाजार के उतार-चढ़ाव से लाभ उठाने में भी मदद कर सकता है।
निवेश करना है बेहद आसान
म्यूचुअल फंड में निवेश एक बहुत ही आसान प्रक्रिया है। आपको बस अपने वित्तीय लक्ष्यों की पहचान करनी है और यह तय करना है कि आप उन्हें हासिल करने के लिए कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं और फंड मैनेजर बाकी का ध्यान रखेगा।
टैक्स के मामले में भी मिलता है सपोर्ट
इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम जैसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड में निवेश आपको 1.5 लाख रुपये की सीमा तक टैक्स लाभ हासिल करने में मदद कर सकता है। बैंकबाजार के मुताबिक, हालांकि अगर निवेश एक साल से अधिक समय तक रखा जाता है तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स देना होगा, फिर भी आप आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स पर काफी पैसा बचा सकते हैं।
सुरक्षा
ऐसा सुनने को मिलता है कि म्यूचुअल फंड बैंक उत्पादों की तुलना में असुरक्षित हैं। हालांकि, अगर आप फंड मैनेजर के मूल्यांकन के अलावा उस फंड हाउस का आकलन करते हैं जिससे आप म्यूचुअल फंड की यूनिट्स खरीदते हैं, तो आपकी पूंजी सुरक्षित रहेगी।